आरयू वेब टीम। बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी है। अब सीवान में गंडक नहर पर बना पुल का पिलर नदी में धंस गया, जिससे पुल का एक छोर नदी में ढह गया। यह पुल दारौंदा प्रखंड अंतर्गत देवरिया और भीखा बांध गांव की सीमा पर स्थित है। बुधवार भोर में करीब पांच बजे पुल का एक पिलर नदी में धंस गया।
दरअसल पुल के जर्जर होने को लेकर आस-पास के गांव के लोगों ने बीते 22 जून को विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने इसकी मरम्मत भी करायी थी। बावजूद इसके पुल ढह गया। यह पुल गरौली से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते दिन हुई भारी बारिश के चलते पानी का स्तर बढ़ गया और बहाव तेज होने से पुल धंस गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने नहर की सफाई कराई थी। इस दौरान बिना मानक का ध्यान रखे नहर के किनारे जेसीबी से मिट्टी की कटाई की गई थी। जिसके चलते पिलर के किनारे से भी मिट्टी हटाई गई। पुल के गिर जाने से लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों का महाराजगंज मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद भी प्रशासन ने इस पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया।
इस पहले 22 जून को महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर पुल अचानक गिर गया था। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं।
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वहीं इससे पहले मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के भेजा कोशी बांध चौक से महपतिया मुख्य सड़क में ललवारही निकट का मामला है। ग्रामीणों का कहना है कि गार्डर के लिए शटरिंग का काम चल रहा था। तभी भूतही बालन नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया जिस वजह से पानी के तेज बहाव में गार्डर बह गया।, जबकि 23 जून को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया।