NDA से अलग हुए पशुपति पारस, मोदी की कैबिनेट से इस्तीफा देकर कहा, उनके साथ हुआ अन्‍याय

पशुपति पारस
पत्रकारों को जानकारी देते पशुपति पारस।

आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया है। इसके साथ ही पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया। सोमवार को बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच हुए सीट शेयरिंग में पशुपति कुमार पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने से वह नाराज हैं। इस्तीफे की घोषणा करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा कि कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है।

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा- ‘कैबिनेट मंत्री पद से मैं त्यागपत्र देता हूं। मेरे साथ नाइंसाफी हुई है।’ इतना कहकर वह उठकर खड़े हो गए। पत्रकारों ने जब सवाल पूछा तो खड़े-खड़े उन्होंने कहा कि जितना बोलना था कह दिया। अब आगे की राजनीति हम अपनी पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर उनसे बातचीत के बाद तय करूंगा।

इस्तीफे की घोषणा करने के दौरान पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा- ‘मैं आज भी पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं।’ पशुपति ने पिछले दिनों कहा था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जरूर लड़ेंगे, हालांकि पशुपति पारस ने यह साफ नहीं किया कि वह इंडिया गठबंधन में जाएंगे या नहीं।

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बता दें कि पशुपति पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि एक दो दिनों में पार्टी के सारे जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों और दलित सेना की बैठक होगी, उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। इंडिया गठबंधन में जाने के फैसले पर श्रवण अग्रवाल ने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जब बैठक होगी उसी में तय होगा कि अकेले लड़ना है या किसी गठबंधन की तरफ से लड़ना है।

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