आरयू वेब टीम। कोरोना महामारी के बीच देश के अलग-अलग राज्यों से बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। जिसको देखते हुए यूपी में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही सभी जिला प्रशासन को एक भी मामला सामने आने पर संक्रमित पक्षियों को मारने के सख्त आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन विभाग को बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि पक्षियों के पानी पीने के जलाशयों पर नजर रखी जाये। अगर कोई बाहरी पक्षियों का झुंड पानी पीने के लिए आता है तो उस पर भी नजर रखी जाये। इसके अलावा एडवाइजरी में लिखा है कि जलाशयों में पानी पीने के बाद अगर कोई पक्षी मृत पाया जाता है तो तुरंत उसे फोरेंसिक जांच के लिये लैब भेजा जाये।
एडवाइजरी में निर्देश दिया गया है कि बाहरी राज्यों से आने वाले पक्षियों खासकर कुक्कुट यानि मुर्गियों को लेकर आने वाली गाड़ियों की जांच की जाये। अगर कोई पक्षी बीमार या मृत पाया जाता है तो उसे प्रदेश की सीमा में प्रवेश ना दिया जाये। एडवाइजरी ने मुर्गा मंडियों को हफ्ते में एक दिन बंद रखने का आदेश भी दिया है। उत्तर प्रदेश की इस एडवाइजरी में लिखा है कि ‘मुर्गा मंडियों को हफ्ते में एक दिन बंद रखा जाये और उस दिन मंडियों की पूरी साफ-सफाई की जाए।’
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बाहरी पक्षियों को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी बर्ड सैंक्चुरी और पक्षी पार्कों की सूची बनायी जाये, जहां पर प्रवासी पक्षी आते है। इसके अलावा भारत सरकार की संक्रमण को लेकर जारी गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन कराया जाये और संक्रमण रोकने के तरीकों को इस्तेमाल किया जाये। सभी जिलाधिकारी ये सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में फेस मास्क और पीपीई किट की कमी ना हो और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जाये।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के पशुधन, मत्स्य पालन एवं दुग्ध मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मीडिया को बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से पक्षियों के नमूने जमा किए जाएंगे और उन्हें परीक्षण के लिए लैब में भेजा जाएगा। हम बर्ड फ्लू के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएंगे।