कोरोना वैक्‍सीन के ड्राई रन पर अखिलेश का तंज, नकली अभ्‍यास में खुल गयी योगी सरकार की सच्‍चाई

अखिलेश यादव

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वैक्‍सीन के ड्राई रन को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाया है। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा है कि कोरोना का टीका लगाने के नकली अभ्यास में योगी सरकार के इंतजाम की असली सच्चाई खुल गई है। जिस वैक्सीन को लगाने से पहले खराब होने से बचाने के लिए ठंडे बक्से में जल्दी से जल्दी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना सबसे बड़ी जरूरत है, उसके लिए जानलेवा लापरवाही भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है।

अखिलेश ने आगे कहा कि एक मामला सामने आया गया है लेकिन बड़े पैमाने पर होने वाले अभ्यास में कहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारी जरूर छुपाई गयी। सवाल यह है कि सरकार ने बड़ी संख्या में ड्राई रन सेंटर तो बना दिए और वहां स्टाफ की तैनाती भी कर दी, लेकिन सरकार यह नहीं बता रही है कि इसके लिए बजट कहां है? वैक्सीन की कोल्ड चैन की सुरक्षा के लिए सरकारी इंतजाम में गाड़ियों की उपलब्धता की क्या स्थिति है? यह भी स्पष्ट नही।

यह भी पढ़ें- PGI व KGMU समेत लखनऊ के छह अस्‍पतालों में किया गया कोरोना का ड्राई रन वैक्सीनेशन टेस्ट

अपने बयान में अखिलेश ने सवाल उठाते हुए यह भी कहा है कि बीजेपी सरकार ने ड्राई रन में वैक्सीन की ट्रेनिंग स्टाफ को दी है पर यह नहीं पता चला है कि उन्हें किसने ट्रेंड किया है। अधूरी तैयारी के साथ बिना विशेषज्ञ ट्रेनिंग दिए जाने का क्या औचित्य है? वैक्सीन के संबंध में कुछ डाक्टरों और विशेषज्ञों ने जो सवाल उसके परीक्षण और साइड इफेक्ट के बारे में उठाए है, उस पर सरकार का कोई जवाब नहीं आया है।

यह भी पढ़ें- ड्राई रन: लोहिया संस्थान में वैक्सीन का ट्रायल देखने पहुंचे CM योगी ने अफसरों को दिए निर्देश, आम व खास में नहीं होना चाहिए भेदभाव

साथ ही पूर्व सीएम ने कहा कि  भारत कोविड-19 से बचाव का टीका सालभर में बना लेना चिकित्सा विज्ञान का अभूतपूर्व कदम है, हालांकि टीके का तीसरा और पूर्ण परीक्षण अभी नहीं हुआ है। टीका बनने के बाद उसके अंतिम रूप से सफल एवं सुरक्षित घोषित होने में कई साल लग जाते है। इससे कई चिंताएं और आशंकाएं उभरती है। इस संबंध में जनता का विश्‍वास बनाए रखने के लिए सरकार को सार्वजनिक सूचनाएं देने में संकोच नहीं करना चाहिए।