आरयू ब्यूरो
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अपने विरोधियों पर जमकर हमला बोला। प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में मायावती ने भारतीय जनता पार्टी को घिनौने हथकण्डे इस्तेमाल करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि भाजपा नोटबंदी से हुई जनता को परेशानी, चुनावी वादा खिलाफी और अपने ढाई साल के कार्यकाल की नाकामी की ओर से लोगो का ध्यान भटकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
वह अपने स्वार्थ के लिए चुनाव के दौरान हिन्दू–मुस्लिम दंगे कराकर चुनाव को संप्रादायिक रंग भी देने से नहीं चूकेगी। उन्होंने प्रदेश के सर्वसमाज के साथ ही खासकर मुसलमानों को अगाह करते हुए कहा कि वह भाजपा के हथकण्डों से सावधान रहे। जिससे कि भाजपा को प्रदेश में आने से रोका जा सके।
बीजेपी को प्रदेश में सरकार बनाने से रोकने के लिए उन्होंने बिहार की तर्ज पर यूपी में भी धर्मनिरपे वोटरों को एक होकर बसपा के साथ आने के लिए भी कहा है। एक सवाल के जवाब में बोली कि नोटबंदी की असफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के चेहरे से नूर उड़ गया है।
हार का ठीकरा फोड़ने के लिए सीएम चाहते हैं सपा-कांंग्रेस का गठबंधन
बसपा प्रमुख ने कहा कि जनता का सपा पर से विश्वास उठ गया है। मुजफ्फरनगर समेत अन्य दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मुलायम सिंह की सरकार की तरह ही उनके बेटे की सरकार में भी प्रदेश के मुसलमान तथा गरीब हिन्दुओं को दंगो और तनाव की आग में जलना पड़ता है।
इसके साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम है यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। मुस्लिम समाज का भरोसा पहले ही खो चुकी समाजवादी पार्टी का बेस वोट यादव भी चाचा-भतीजे के वचर्स्व की लड़ाई में दो भागों में बट चुका है।
इन्हीं सब वजहों से पिछली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑक्सिजन पर चल रही कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए भी उतावले हैं। वह अच्छी तरह जानते हैं कि अब उन्हें नहीं लौटना है। चुनाव के बाद अपनी लाज बचाने की कोशिश में विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा सपा कांग्रेस पर फोड़ देगी।