मायावती का हमला, बोलीं भाजपा के विकास के दावे हवा-हवाई, नहीं बढ़ी प्रति व्यक्ति आय

हिंदुत्ववादी की होड़
बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। रिजर्व बैंक की तरफ से जारी हुए प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों पर यूपी में सियासत शुरू हो गई है। इसी क्रम में गुरुवार को बसपा मुखिया मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि यूपी के लोगों की प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ी है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े यहां के करोड़ों लोगों के गरीब और पिछड़े बने रहने को साबित कर रहे हैं। भाजपा के विकास के दावे हवा-हवाई और जुमलेबाजी हैं।

मायावती ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से एक के बाद एक दो ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के निवासियों की प्रति व्यक्ति आय सही से नहीं बढने से यहां के करोड़ों लोगों के गरीब व पिछड़े बने रहने सम्बंधी रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े ही भारतीय जनता पार्टी की पोल खोल रहे हैं। मायावती ने कहा कि आंकड़े इस आमधारणा को प्रमाणित करते हैं कि भाजपा के विकास के दावे हवाहवाई व जुमलेबाजी हैं। उत्तर प्रदेश में तो इनकी डबल इंजन की सरकार में भी ऐसा क्यों है, कि यहां पर प्रति व्यक्ति आय सही से नहीं बढ़ी।

वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां पर भाजपा के विकास के दावों के खोखले होने का पर्दाफाश होने से अब यह पार्टी तेजी से धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ व हिन्दू-मुस्लिम विवाद आदि के पुराने संकीर्ण मुद्दे पर वापस आ गई है, लेकिन इनको शायद यह पता नहीं है कि लोग फिर से इनके छलावे में आने वाले नहीं हैं, जो उनके मूड से भी स्पष्ट है। भाजपा से लोगों का अब मोह भी भंग होता जा रहा है।

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बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ‘‘हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन द इंडियन इकोनॉमी, 2020-21” प्रकाशित की। हर साल प्रकाशित होने वाले इस हैंडबुक से न सिर्फ देश की बल्कि सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है। हैंडबुक के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान यूपी का प्रति व्यक्ति शुद्ध घरेलू उत्पाद (हज 2.99 प्रतिशत की दर से बढ़ा। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने की दर वित्त वर्ष 2012-13 से वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान पांच प्रतिशत थी।

सपा के पांच साल की तुलना में भाजपा के पहले तीन साल में लोगों की आय बढ़ने की दर करीब आधी रह गई है। प्रदेश का प्रदर्शन समान अवधि के 4.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के पहले चार साल में लोगों की आय बढ़ने की दर मात्र 0.1 प्रतिशत रह जाती है।

रिजर्व बैंक ने कोविड के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में हुए नुकसान की पूरी भरपाई अगले वित्त वर्ष में हो जाने के अनुमान के हिसाब से भी गणना की। इस तरह से देखने पर भी तस्वीर में सुधार नहीं है। ऐसा मान लेने के बाद योगी सरकार के पूरे पांच साल में आय बढ़ने की दर महज 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह समान अवधि के अनुमानित राष्ट्रीय औसत 2.7 प्रतिशत से बहुत कम है।

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