आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा रामपुर दौरे को लेकर योगी सरकार पर लगाएं गए आरोप पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने सोमवार को अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता के बाद कहा है कि रामपुर के कार्यक्रम के लिए अनुमति ना देने का पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आरोप पूरी तरह निराधार है। दरअसल अखिलेश यादव को अंदेशा हो गया था कि जमीनों पर अवैध कब्जे और तमाम अपराधिक मामलों से घिरे जिन आजम खान के समर्थन में वे रामपुर जा रहे हैं, उनके खिलाफ तमाम दलों के नेता और जनता भी सड़कों पर उतरने को तैयार है। इसी विरोध को देखते हुए अखिलेश यादव ने कदम वापस खींच लिए और बार-बार पूंछने के बाद भी प्रशासन को अपने कार्यक्रम का ब्यौरा नहीं भेजा।
हमला जारी रखते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने आज मीडिया से कहा यह सब जानते हैं कि देश-प्रदेश में एक तरफ गणेश पूजन का आयोजन हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मुहर्रम भी मनाया जा रहा है। ऐसे मौके पर जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त अखिलेश यादव की सुरक्षा-व्यवस्था का बेहतर इंतजाम करने, उनके कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति ना पैदा होने देने व जनता को असुविधा से बचाने और शांति-व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से रामपुर के जिला प्रशासन ने उनके कार्यक्रम का विवरण पूछा था। जिलाधिकारी रामपुर के पूछे जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ना तो कार्यक्रम का विवरण दिया गया, ना ही आगे अनुमति मांगी गई। उनके कार्यक्रम में विरोध-प्रदर्शन का भी कहीं जिक्र नहीं था। इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी मीटिंग के लिए रेडियंस पार्क आरक्षित करते हुए एक बार फिर कार्यक्रम का ब्यौरा मांगा पर समाजवादी पार्टी या अखिलेश यादव की तरफ से इसके बाद कोई संवाद ही नहीं किया गया।
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शलभ मणि त्रिपाठी ने ये भी दावा किया कांग्रेस और बसपा के साथ समाजवादी पार्टी के भी तमाम कार्यकर्ता रामपुर में आजम खान का विरोध कर रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने सपा सरकार में आम लोगों और उनमें भी खासतौर पर अल्पसंख्यकों और दलितों पर आजम खान का अत्याचार देखा है। आज योगी आदित्यनाथ सरकार में जब पीड़ितों को इंसाफ मिल रहा है तब ऐसे में दलगत भावना से ऊपर उठकर तमाम दलों के लोग इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं।