आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल में कई ऐसे नेता टीएमसी में दोबारा वापसी कर रहे हैं, जो विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी छोड़ कांग्रेस या भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं दूसरी ओर बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को एक के बाद एक कई झटका लगा है। इसी क्रम में भाजपा को एक और झटका सोमवार को उस समय लगा जब बांकुड़ा के विष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। इससे पहले वरिष्ठ नेता और विधायक मुकुल राय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ जून में भाजपा छोड़कर वापस तृणमूल में शामिल हो गए थे।
टीएमसी में वापसी करने के बाद तन्मय घोष ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “भाजपा प्रतिशोध की राजनीति करती है। साथ ही भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर पश्चिम बंगाल के लोगों का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है। मैं सभी नेताओं से अपील करता हूं कि बंगाल की जनता के कल्याण के लिए ममत बनर्जी का समर्थन करें। वहीं तन्मय घोष को टीएमसी नेता ब्रात्य बसु ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
यह भी पढ़ें- भाजपा छोड़ TMC में लौटे मुकुल रॉय,कही ये बातें
इस दौरान टीएमसी नेता ब्रात्य बसु ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा दिल्ली और गुजरात से बंगाल को कंट्रोल करना चाहती है, लेकिन यहां के लोग ऐसा नहीं होने दे रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा बस राज्य में टीएमसी को बदनाम करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर प्रतिवाद का शोर उठना चाहिए, अभी तन्मय घोष ने ऐसा किया है, लेकिन ये सिलसिला जारी रहेगा। ब्रात्य बसु ने इस दौरान त्रिपुरा को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब ममता बनर्जी त्रिपुरा जाएंगी तो वहां भी सुनामी आएगी और भाजपा उसमें बह जाएगी।
बता दें कि इससे पहले रविवार को बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा ने भी टीएमसी में वापसी की थी। उन्होंने कई सीनियर नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी। आपको बता दें कि उन्होंने 2014 में टीएमसी के विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। शिखा मित्रा के पति सौमेन मित्रा भी टीएमसी के सांसद रह चुके थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी, जिसके बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था।