आरयू वेब टीम। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कांग्रेस के अधिवेशन को संबोधित किया। खड़गे ने सरकार पर निशाना साधते कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनमाने ढंग से देश को चला रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया कि संसद में भी विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है। सोचिए जब विपक्ष को नहीं बोलने दिया जा रहा है तो जनता का क्या हाल होगा।
इह दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, वक्फ बिल को रातोंरात संसद में जबरन पास करा लिया। इससे पता लगता है कि सरकार कुछ छुपाना चाहती है। खरगे ने कहा कि मौजूदा समय में पिछले 11 साल से सत्ता पक्ष संविधान पर हमला कर रहा है। इसको रोकना बहुत जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि ये सरकार पोलराइजेशन के लिए रात के तीन बजे तक सदन में चर्चा करवा रही है। मैंने अमित शाह से कहा कि इस पर कल चर्चा करते है। हमें कुछ बातें रखनी है। ये सरकार कुछ गंभीर छिपाना चाहती है, तभी भोर में पांच बजे तक सदन में चर्चा की गई।
खरगे ने कहा कि महत्वपूर्ण बिल को तब लाया जा रहा है जब कई लोग सो रहे होते है। कांग्रेस ने अमेरिका के टैक्स को लेकर इस सरकार को चेताया था, लेकिन इस सरकार ने नहीं सुनी। नौकरी में आरक्षण पर चोट की गई है। दलितों और पिछड़ों को नौकरी नहीं देना चाहते है, इसलिए पब्लिक सेक्टर को अपने दोस्तों को बेच रहे हैं। एक दिन पीएम मोदी इस देश को बेचकर चले जाएंगे।
ईवीएम है फ्रॉड
भाजपा की टीम पर हमला जारी रखते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये लोग सिर्फ कांग्रेस को गाली देने के अलावा कोई काम नहीं करते हैं। सरकार हर चीज में हस्तक्षेप कर रही है। कई विकसित देश आज ईवीएम छोड़कर बैलेट पेपर पर चले गए हैं, लेकिन हम ईवीएम पर चल रहे है। ये सब फ्रॉड है, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो रहा। ऐसी टेक्नोलॉजी से ये लोग हमें हराना चाहते हैं तो एक दिन देश का युवा खड़ा होगा और कहेगा हमें बैलट पेपर से चुनाव चाहिए। महाराष्ट्र का इलेक्शन फ्रॉड है। यही हरियाणा में हुआ है।
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साथ ही कहा कि पहले ये लोग कहते थे 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया। फिर कहा 60 साल में क्या किया और अब कहते हैं कि 55 साल में क्या किया। हमारे दलित नेता राजस्थान मे नेता विपक्ष जब मंदिर गए और फिर भाजपा के नेता ने उसे गंगाजल से धुलवाया। ये क्या शर्म की बात नहीं है। क्या दलितों के लिए मंदिर नहीं है।
खरगे ने कहा कि 11 सालों में विपक्षी राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। भाजपा पुराने मुद्दों को उठाकर सांप्रदायिकता भड़का रही है। आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग मत ढूंढो। जो हो गया उसे रहने दो, लेकिन वो नहीं सुनते हैं और लोगों को डिवाइड करते हैं।