आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गोमतीनगर विस्तार में बीती रात एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को सिपाही द्वारा गोली मारने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहां विपक्ष ने इसे एनकाउंटर बताते हुए योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान में इसे एक घटना बताते हुए कहा है कि ये कोई एनकाउंटर नहीं है।
साथ ही सीएम ने ये भी कहा कि इसकी पूरी जांच करायी जाएगी। प्रथम दृष्टया जो दोषी था उनपर कार्रवाई की जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर इस मामले की सीबीआइ जांच भी कराई जाएगी।
दूसरी ओर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की जांच पुलिस की जगह सीबीआइ से कराने की मांग की है। इसके अलावा कल्पना ने अपनी बुजुर्ग मां और बच्चों के पालन-पोषण के लिए सरकार से कम से कम एक करोड़ रुपए और अपनी शौक्षणिक योग्यता के अनुसार पुलिस विभाग में नौकरी भी देने की मांग उठाई है।
पीएम रिपोर्ट में साफ गोली से हुई विवेक की मौत: डीजीपी
वहीं डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने मामले को लेकर कहा कि विवेक तिवारी की गाड़ी खड़ी थी। मौके पर पहुंचे सिपाहियों ने उन्हें बाहर निकलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने सिपाहियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की थी। ऐसा सिपाही का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। हालांकि ये शुद्ध रूप से अपराध है, दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अब बर्खास्तगी की भी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ये साफ हो गया है कि गोली लगने से विवेक की मौत हुई है। पुलिस रक्षक के रूप में काम कर रही है, अगर वो भक्षक बनेगी तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।