आरयू वेब टीम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का केंद्रीय बजट संसद में पेश कर दिया है। शुरुआती मिनटों में ही कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना का असर दुनियाभर पर पड़ा है और भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। साथ ही कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इस बजट में 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने स्वाथ्य और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बजट 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये का किया है और इसके जरिए देश के सभी लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने सौ या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई।
जल्द आएगी दो और वैक्सीन
वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे पास दो वैक्सीन हैं और दो और वैक्सीन भी जल्द ही आएंगी। देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन उपलब्ध हैं। इन दोनो वैक्सीन से देश में टीकाकरण किया जा रहा है। बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने कहा कि महामारी के समय सरकार के रूप में हमने हर स्थिति पर नजर बनाए रखी और अपने रिस्पांस में हम अत्यन्त मुस्तैद भी रहे। आज भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध है।
भारत उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार
इस दौरान प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। इतिहास में यह पल एक नए युग के अवतरण की शुरूआत है, भारत सही मायनों में संभावनाओं और उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। इस वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है।
छह स्तंभों पर टिका है बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि 2021-22 का बजट छह स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं। आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया।