म्यांमार में तख्तापलट, आंग सान सू की और राष्ट्रपति म्यिंट हिरासत में, सेना के हाथ में देश की कमान

म्यांमार में तख्तापलट

आरयू इंटरनेशनल डेस्क। भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सोमवार को तख्तापलट हो गया है। म्यांमार की सेना ने देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट समेत कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया है। साथ ही सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा करते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया है। सत्ताधारी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता के मुताबिक ये कदम सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच बढ़ते तनाव के बाद उठाया गया है जो चुनाव के बाद भड़की हुई है।

एक दशक पहले तक म्यांमार में सैनिक शासन था और ये सैनिक शासन लगभग 50 साल तक जारी रहा इसलिए म्यांमार का लोकतंत्र अभी जड़ें नहीं जमा सका है। पिछले नवंबर में हुए संसदीय चुनाव में सत्ताधारी एनएलडी पर चुनावी धांधली के आरोप लगे थे। इन चुनावों में एनएलडी की बड़ी जीत हुई थी, लेकिन उसकी जीत को तब से संदेह की निगाह से देखा जाता रहा है। म्यांमार की नवनिर्वाचित संसद की पहली बैठक आज प्रस्तावित थी।

इससे पहले सेना ने बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया। भारत के लिए खबर इसलिए बड़ी है, क्योंकि म्यांमार ना सिर्फ पड़ोसी देश है बल्कि सुरक्षा और कूटनीति के लिहाज से भी यह भारतीय विदेश नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता रखता है। सरकार और सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद हिरासत में लेने की बात सामने आई है। इसके बाद सेना के तख्तापलट की आशंकाओं से खलबली मच गई। कुछ समय पहले हुए चुनाव में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को मिली जीत में सेना ने भी धांधली की बात कही थी।

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वहीं पार्टी प्रवक्ता मायो न्यूंट ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि सू की, राष्ट्रपति विन म्यिंट और दूसरे नेताओं को सुबह ले जाया गया था। उन्होंने कहा, “हम अपने लोगों से कहना चाहते हैं कि वे जल्दबाजी में जवाब न दें और मैं चाहता हूं कि वे कानून के मुताबिक काम करें” उन्होंने ने कहा कि संभावना है कि उन्हें हिरासत में लिया गया है। सोमवार के शुरुआती घंटों में राजधानी की फोन लाइनें भी काम नहीं कर रही थी।

सैन्य प्रवक्ता ने इस पर कोई कमेंट करने से इनकार किया है। वहीं एनएलडी के एक सांसद ने डर की वजह से नाम गुप्त रखने के आग्रह करते हुए कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति के एक हान थर भी शामिल थे।

वहीं, सू की हिरासत में लिए जाने के बाद सरकारी एमआरटीवी और रेडियो ने सोमवार को कहा कि टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते वह फिलहाल प्रसारण नहीं कर पा रहे हैं। म्यांमार रेडियो और टेलीविजन ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है।