आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए अंतिम बजट को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर तंज कसा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आखिरी बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में इमानदारी से खाद नहीं बांटी। पांच सालों में पांच-पांच किलो खाद की चोरी कर अब उसे छह रुपये में वापस करना चाहती है।
सपा मुखिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर मोदी सरकार पर किसानों की खाद चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि दाम बढ़ाकर व वजन घटाकर बीजेपी ने किसानों को दोहरी मार दी है। किसान बस चुनाव का इंतजार कर रहा है। किसान आगामी चुनाव में “बोरी की चोरी करने वाली भाजपा” का बोरिया-बिस्तर बांध देगा।
वहीं एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट दिखावटी है। सपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि पांच साल की प्रताड़ना और पीड़ा के बाद फिर दिखावटी ऐलान किया गया। एक साल के बजट में 10 साल आगे की झूठी बातें की गई हैं। बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों को कोई राहत नहीं दी गई। श्रमिकों के लिए भी सरकार ने कोई राहत नहीं दी। देश का किसान, व्यापारी, बेरोजगार युवा अब बीजेपी से मुक्ति चाहता है।
आज अखिलेश ने अपने जारी किए गए एक बयान में भी कहा कि मोदी सरकार को जनता की फिक्र नहीं है, उसे तो बस वोट चाहिए। अपने पूरे कार्यकाल में उसने नोटबंदी और जीएसटी के द्वारा जनता को सिर्फ परेशान करने का काम किया है। इससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब चलते-चलते भाजपा ने चुनावी बजट पेश कर अपने 15 लाख रूपये खाते में जमा करने, नौजवानों को दो करोड़ नौकरियां देने, मंहगाई कम करने के वादों की तरह कुछ नए वादे और जुमले उछाले दिए हैं।
भाजपा सरकार ने पिछले 5 सालों में 5-5 किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, अब उसी को वो 6 हज़ार रुपया बनाकर साल भर में वापस करना चाहती है. भाजपा ने ‘दाम बढ़ाकर व वज़न घटाकर’ दोहरी मार मारी है. अगले चुनाव में किसान ‘बोरी की चोरी करने वाली भाजपा’ का बोरिया-बिस्तर ही बाँध देंगे.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2019
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बता दें कि मोदी सरकार ने आज अपने कार्यकाल का आखिरी और छठा बजट पेश किया। अपने इस बजट में केंद्र सरकार ने गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों, मध्यमवर्ग को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कीं हैं। साथ ही बजट में अब पांच लाख रुपये तक का सालाना वेतन कमाने वाले लोगों को आयकर नहीं देना पड़ेगा। कुल मिलाकर इस बजट में समाज के लगभग हर वर्ग को कुछ न कुछ देने का ऐलान किया गया है।
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