आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में जहां विवादित नागरिकता संशोधन कानून को पाठ्यक्रम में शामिल किए जानें की तैयारियां चल रही हैं। वहीं इसपर बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को विरोध जताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर वह इसे वापस लेंगी।
मायावती ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि सीएए पर बहस आदि तो ठीक है, लेकिन कोर्ट में इसपर सुनवाई जारी रहने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित। बीएसपी इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी।
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बताते चलें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में अब नागरिकता संशोधन कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। यही नहीं राजनीति शास्त्र विभाग की तरफ से डिबेट कराने की तैयारी की जा रही है, जिसमें कई कॉलेजों के छात्रों को शामिल किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरवरी के दूसरे सप्ताह में एलयू में ये कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वहीं विभाग की तरफ से बाकायदा इसे विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। एलयू के राजनीति शास्त्र की एचओडी शशि शुक्ला ने बताया कि वो जल्द ही इस पाठ्यक्रम को अमल में लाएंगे।
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उन्होंने कहा कि सीएए इस समय देश में सबसे बड़ा सम-सामयिक विषय है, इसलिए लोगों को जागरूक करना है। इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प छात्र-छात्राएं ही हैं। शशि शुक्ला ने बताया कि प्रस्ताव है कि हम एक पेपर लाएंगे, जिसका विषय भारतीय राजनीति में सम-सामयिक मुद्दे होगा।
ये विचाराधीन है कि सीएए के मुद्दे को भी इस पेपर में शामिल करें। वैसे भी ये एक लंबी प्रक्रिया है। इसे बोर्ड में प्रस्ताव के रूप में रखेंगे, पास हो जाने पर इसे एकेडमिक काउंसिल के पास भेजा जाएगा। वहां से पास हो जाने पर इसकी पढ़ाई शुरू होगी।