आरयू वेब टीम। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भाजपा नेता चंद्र कुमार बोस का बड़ा बयान आया है। पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में नागरिकों पर कानून नहीं थोपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को सीएए के फायदों के बारे में बताना चाहिए। साथ ही ये भी कहा कि सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम डराने की राजनीति नहीं कर सकते।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चंद्र कुमार कहा कि, ‘मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि थोड़े से संशोधन के साथ पूरा विपक्ष के अभियान को ठप किया जा सकता है। हमें विशेष रूप से यह बताने की जरूरत है कि यह अत्याचार झेल रहे अल्पसंख्यकों के लिए है, हमें किसी धर्म का उल्लेख नहीं करना चाहिए। हमें अपना नजरिया बदलना होगा।’
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साथ ही उन्होंने कहा है, ‘जब एक बिल कानून के रूप में पास हो जाता है तो यह कानूनी रूप से राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी हो जाता है, लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप नागरिकों पर किसी भी कानून को जबरन नहीं लागू कर सकते। हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं। सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम डराने की राजनीति नहीं कर सकते। हमें नागरिकता कानून के फायदों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।’
बता दें, पिछले महीने भी चंद्र बोस ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत एक ऐसा देश है, जो कभी धर्मों और समुदायों के लिए खुला है। ‘अगर नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म से जुड़ा नहीं है तो इसमें केवल हिंदू, सिख, बुद्ध, ईसाई, पारसी और जैन ही क्यों शामिल हैं। उनकी तरह मुस्लिमों को भी इसमें शामिल क्यों नहीं किया गया। इसे पारदर्शी होना चाहिए।’ वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ‘भारत की किसी से अन्य देश से बराबरी या तुलना मत कीजिए, क्योंकि यह सभी धर्मों और समुदायों के खुला हुआ देश है।’