मानवाधिकार को लेकर ‘पक्षपातपूर्ण’ सोच लोकतंत्र के लिए हानिकारक: PM मोदी

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आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा चुन-चुन कर गैर मुस्लिमों की हत्या किये जाने पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी थोड़ी है। मोदी ने इशारों-इशारों में कश्मीर में हुई गैर मुस्लिमों की हत्या पर चुप्पी साधे नेताओं को खरी-खरी सुनाई। दरअसल मोदी ने कहा कि एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। मोदी के इस बयान को पिछले दिनों हुई जम्मू-कश्मीर में घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।

मंगलवार को मोदी ने कहा, “कुछ लोग मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं… हमें इसको लेकर सावधान रहना होगा। दरअसल, राजनीतिक लाभ-हानि से मानवाधिकारों को देखने वालों के कारण लोकतंत्र और ऐसे अधिकारों पर चोट पहुंचती है।”

मोदी ने कहा कि हमारा स्वाधीनता संग्राम और इतिहास हमें मानवाधिकारों के लिए मूल्यों के साथ प्रेरणास्रोत का काम करता है, लेकिन वैसी ही किसी दूसरी घटना पर चुप्पी साध जाते हैं। मोदी ने कहा कि इस तरह का सेलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। ऐसे लोग अपने बर्ताव से देश की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं।

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बता दें कि देश में कुछ घटनाओं को लेकर जमकर राजनीति होती है, मानाधिकार की दुहाई दी जाती है, लेकिन ठीक उसी तरह की दूसरी घटना को लेकर चुप्पी छा जाती है। हाल ही घटनाओं पर बात करें तो जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों आंतकियों ने आईडी कार्ड देखकर गैर मुस्लिमों की हत्या कर दी थी। एक के बाद एक चार लोगों की हत्या से पूरे देश में सनसनी मची लेकिन किसी ने भी मानवाधिकार की बात नहीं की, जबकि किसी आतंकी को सेना गोली मारती है तो ना सिर्फ मानवाधिकार की दुहाई दी जाती है, बल्कि देश के कुछ नेता और पार्टियां समर्थन भी करती है।

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