आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे। जहां राजारहाट में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के नए भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली एक नए युग में प्रवेश कर रही है। गृह मंत्री ने सुरक्षित, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित ढांचा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत फोरेंसिक संस्थानों के महत्व को रेखांकित किया।
उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, “भारत सरकार एक सुरक्षित, पारदर्शी और साक्ष्य आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली बना रही है। ये जरूरी है कि अपराध रोकने वाले अपराधियों से दो कदम आगे रहें। हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली एक नए युग में प्रवेश कर रही है।” आगे बताया कि केंद्र सरकार ने 2020 में पहला राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) स्थापित किया, जो कि तीन नए आपराधिक कानूनों बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए के लागू होने से बहुत पहले था।
अमित शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देशभर में ऐसे आठ संस्थान पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं तथा आठ और खोलने की योजना है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन कॉलेजों से निकले स्नातक राज्य की कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अमित शाह ने कहा, “हमने हर जिले में एक फोरेंसिक वैन स्थापित करने के लिए हर राज्य को मदद दी है। कई राज्यों ने अपनी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं का विस्तार किया है।
साथ ही कहा कि हमने 2020 में पहले ही राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की स्थापना की थी। सोलह संस्थानों को मंजूरी दी गई है, आठ पहले ही स्थापित हो चुके हैं और शेष आठ प्रक्रिया में हैं। हमने प्रशिक्षित मानव संसाधन का निर्माण पहले ही पूरा कर लिया है। मुझे विश्वास है कि नए छात्र हमारी कानून और व्यवस्था में योगदान देंगे।”
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केंद्रीय मंत्री ने आज यह भी दावा किया “उनका कर्तव्य ये सुनिश्चित करना है कि हर गरीब व्यक्ति को यथाशीघ्र न्याय मिल सके। मेरा मानना है कि हम ऐसा माहौल बनाएंगे, जहां हमारे लोग देश की कानून-व्यवस्था पर भरोसा करेंगे।” गृह मंत्री का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर बंगाल दौरे के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जो राज्य पर केन्द्रीय नेतृत्व के निरंतर फोकस को रेखांकित करता है।