घात लगाए नक्सलियों ने किया IED ब्लास्ट, दस जवान शहीद

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला

आरयू वेब टीम। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार दोपहर को नक्सली हमले में दस जवान शहीद हो गए। वहीं एक नागरिक की भी मौत हुई है। शहीद हुए जवान डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के हैं। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया। इसकी चपेट में जवानों का वाहन भी आ गया। इसमें दस जवान शहीद हो गए।

जानकारी के मुताबिक, माओवादी कैडर की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी जवानों को रवाना किया गया था। इसके बाद सभी जवान वहां से लौट रहे थे। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने अरनपुर मार्ग पर पालनार में ब्लास्ट कर दिया। बताया जा रहा है कि जवान एक प्राइवेट वाहन से निकले थे। हमले में एक नागरिक की भी मौत हुई हैै। हमले के बाद जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई। इसमें कुछ नक्सली भी घायल हुए हैं।

हमले की पुष्टि आईजी सुंदरराज पी. ने की है। शहीद पुलिसकर्मियों में कॉन्सटेबल जोगा सोढी, मुन्ना राम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुल्गो मण्डावी, लखमू मरकाम, जोगा कवासी, हरिराम मण्डावी, गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, जयराम पोड़ियाम और जगदीश कवासी शहीद हुए हैं। इनके साथ ही प्राइवेट वाहन के चालक धनीराम यादव की भी मौत हो गई है।

बताया जा रहा है कि वाहन में 25 से 30 जवान सवार थे। घायल जवानों को जिला अस्पताल लाने के लिए चार एंबुलेंस को घटना स्थल के लिए रवाना किया गया है। घटना के बाद आसपास के एरिया में सर्चिंग तेज कर दी गई है। एसपी भी मौके पर पहुंच गए हैं।

बस्तर में नक्सलियों ने इस समय टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चला रखी है। इस दौरान नक्सली अक्सर बड़े हमले करते हैं। इसी के तहत जवानों की भी सर्चिंग लगातार जारी है। पिछले सप्ताह बीजापुर कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया था। वह साप्ताहिक बाजार में नुक्कड़ सभा कर लौट रहे थे। इसके तीन दिन बाद नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर टीसीओसी चलाए जाने की बात कही थी। हालांकि विधायक को निशाना बनाने की बात से इनकार किया था।

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बता दें कि पहले साल 2021 में अप्रैल माह में ही नक्सलियों ने सबसे बड़ हमला बीजापुर के तर्रेम क्षेत्र के टेकलगुड़ा में किया था। उस समय नक्सलियों ने बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) से हमला किया था। इसमें 22 जवान शहीद हुए थे और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। नक्सली हमले के साथ ही जवानों से हथियार भी लूटकर ले गए थे। इसी दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण किया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया था।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वारदात की पुष्टि करते हुए शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि, इस प्रकार की जानकारी है और यह दुखद है। जो जवान शहीद हुए हैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। यह लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है और नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे।

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