आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर सूबे की कमान संभाल ली है। 15 महीनों की कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने शिवराज चौहान को सीएम के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पद संभालते ही शिवराज चौहान ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कोरोना वायरस से मुकाबला है। बाकी सब बाद में।
साथ ही शिवराज ने कांग्रेस के बागी विधायकों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जिन 22 पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टी की सदस्यता त्याग कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, उन साथियों का आभार और धन्यवाद। मैं आश्वस्त करता हूं कि उम्मीदों पर खरा उतरूंगा और उनके विश्वास को कभी नहीं टूटने दूंगा।
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इससे पहले आज शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया। जहां विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं से निवेदन कि कोई आतिशबाजी और जश्न नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने का जो संकल्प लिया है उसे पूरा करना है।
शिवराज सिंह ने विधायकों से भी कहा कि कल पूरी जांच करवाकर ही अपने क्षेत्र में जाएं। उन्होंने कहा कि वह एक साधारण कार्यकर्ता हैं। हम सब एक परिवार हैं। एक साथ मिलकर चले एक इतिहास रचेंगे।
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शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर शिवराज चौहान को बधाई। वह एक सक्षम और अनुभवी प्रशासक हैं जो मध्य प्रदेश के विकास के तत्पर हैं। राज्य को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उन्हें शुभकामनाएं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी नेता ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मध्य प्रदेश में शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।