आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी की छात्र विंग सीवाईएसएस के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने प्रेसवार्ता कर सीएम योगी पर रोजगार के फर्जी आंकड़े जारी कर यूपी के युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है। वंशराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव करीब आता देख वोट के लिए सीएम सदन में रोजगार के झूठे आंकड़े पेश कर यूपी के युवाओं को गुमराह कर रहें हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी खामोश नहीं बैठेगी। हम लोग पूरे उत्तर प्रदेश में बाइक यात्रा निकालेंगे। इस यात्रा के माध्यम से हम मुख्यमंत्री व उसकी सरकार के झूठ को बेपर्दा कर रोजगार देने के झूठे दावों का पूरा सच प्रदेश के नौजवानों के सामने उजागर करेंगे।
आप ने नेता प्रेसवार्ता में मीडिया से कहा कि साढ़े चार साल पहले भाजपा ने प्रदेश के युवाओं का आह्वान किया कि सूबे में आप डबल इंजन की सरकार बनाइए तो हम हर साल 13 लाख नौकरियां देंगे और 90 दिनों में सारे रिक्त पदों पर भर्तियां करेंगे। युवाओं ने भरोसा करके योगी आदित्यनाथ की सरकार बनाई, लेकिन उन्होंने युवाओं को रोजगार देने की जगह साढ़े चार साल में बस गुमराह किया।
वंशराज दुबे ने कहा कि एक दिन पहले सरकार की ओर से ट्वीट आता है। जिसमें चार लाख तीन सौ 93 भर्तियां करने का दावा किया गया। योगी आदित्यानाथ सदन में भी इन्हीं आंकड़ों को पेश कर अपनी सरकार की उपलब्धियां बता रहें हैं, लेकि सीएम सदन में जिन 4,03,793 नौकरियां देने की बात कर रहे हैं, उनमें से पुलिस विभाग में 1,43,445 पदों पर भर्तियों की भी बात है। योगी आदित्यनाथ इसमें दारोगा भर्ती की बात कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि 2017 से 2021 के बीच उनकी सरकार में दारोगा की एक भी भर्ती नहीं हुई। जिस भर्ती की बात कर रहे हैं वो पिछली सरकार की है।
इसी तरह योगी सरकार बेसिक शिक्षा विभाग में दो बड़ी भर्तियों का दावा कर रही है। इसमें से एक है 68500 शिक्षक भर्ती है, जिसमें आज भी 25000 पद खाली हैं। अभ्यर्थी इन पदों पर भर्ती करने के लिए लगातार राजधानी में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं,लेकिन उन्हें नौकरी मांगने पर लाठी और गालियां मिल रही हैं। उन पर सरकार की ओर से मुकदमा दर्ज कराया जा रहा। दूसरी 69 हजार शिक्षक भर्ती है, जिसमें आरक्षण का घोटाला हुआ। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी इसपर सवाल उठाया है। योगी सरकार ने जान- बूझकर युवाओं का उत्पीड़न करने के लिए आरक्षण में यह खेल किया है।
वहीं जन सूचना आयोग का आभार जिसने आरटीआई के तहत 24 जुलाई को रिपोर्ट दी कि यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जितनी भी भर्तियां जो योगी आदित्यनाथ दिखा रहें हैं वह पिछले सरकार की है। इसमें 19000 पदों पर हुई भर्ती को ही कृषि विभाग में हुई भर्ती के नाम पर अलग से पेश करके योगी सरकार ने युवाओं को गुमराह करने का काम किया है।
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आप नेता ने आगे कहा कि जिन 12 हजार पदों के लिए भर्तियां निकाली गयी, वह भी लंबित है, लेकिन इनके लिए 51 लाख आवेदन आयोग ने लिए और 120000 करोड़ रुपये युवाओं से लेकर सरकारी खजाने में जमा किए। योगी आदित्यनाथ एक ही भर्ती दो बार गिना रहें हैं।
वंशराज ने सवाल करते हुए कहा कि सरकार बताए एनआरएचएम क्या कोई सरकारी नौकरी है। योगी सरकार की ओर से युवाओं को गुमराह करने के लिए संविदा पर भर्तियों को सरकारी नौकरी बताया जा रहा। असल में एग्रीकल्चरल टेक्निकल असिस्टेंट, केन सुपरवाइजर आदि बहुत से पदों पर आई भर्ती के अभ्यर्थी रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
प्रदेश में लोअर पीसीएस भर्ती दो वर्षों से लंबित है। ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती इस सरकार में आई, मगर सरकार ने ही उसे रद्द कर दिया। जेई भर्ती का दो बार आवेदन निकला और मोटी धनउगाही हुई, मगर आयोग उनकी परीक्षा कराना भूल गया। होम्योपैथी फॉर्मासिस्ट, आबकारी विभाग, सहायक लेखाकार कोषागार आदि तमाम भर्तियों का यही हाल है।