आरयू वेब टीम। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राज्य में प्रमुख सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसी बीच चुनाव से पहले सत्ताधारी दल भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, लिंगायत संप्रदाय के एक शक्तिशाली समूह वीरशैव लिंगायत फोरम ने चुनवा में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। साथ ही फोरम ने ओपन लेटर जारी कर लिंगायत समुदाय के मतदाताओं से चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की है।
कांग्रेस नेता शमनूर शिवशंकरप्पा और जगदीश शेट्टर ने रविवार सुबह हुबली में लिंगायत समुदाय के नेताओं से मुलाकात भी की है। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते संगमंथा मंदिर का दौरा किया था, जो लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक बसवेश्वर की पवित्र समाधि है, जिसे बसवन्ना के नाम से भी जाना जाता है।
उल्लेखनीय है कि लिंगायत समुदाय भाजपा का एक पारंपरिक वोट बैंक रहा है और 1980 के दशक से पार्टी नेता बी.एस. येदियुरप्पा, जो समुदाय से हैं, ने लिंगायत समर्थन और आधार विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया था। हालांकि, येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को अपने गढ़ हुबली से सीट देने से इनकार करने के बाद लिंगायत समुदाय में भाजपा के खिलाफ भयंकर गुस्सा है।
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जगदीश शेट्टर ने खुले तौर कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल. संतोष ने उन्हें टिकट नहीं दिया जो एक संदेश है कि बीजेपी लिंगायत समुदाय के पार्टी पर प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि लिंगायत कर्नाटक में 17 प्रतिशत ताकत के साथ एक शक्तिशाली समुदाय है और राज्य में नौ लिंगायत मुख्यमंत्री रहे हैं।
मालूम हो कि दस मई को कर्नाटक में चुनाव के है। ऐसे में लिंगायत संप्रदाय के प्रमुख संगठन द्वारा समर्थन मिलने के बाद अब कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही है। इससे पहले तमाम सर्वे रिपोर्ट में भी कांग्रेस की वापसी के संकेत मिल चुके हैं।