आरयू वेब टीम। बलात्कार के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा की गई टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे’ पर शुरू हुए विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने टिप्पणी देते हुए कहा कि इस मामले में गलत रिपोर्टिंग की गई। सीजेआइ एसए बोबडे ने कहा कि एक अदालत और एक संस्था के तौर पर हमारा हमेशा महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान है। उन्होंने कहा कि खबरों और एक्टिविस्ट ने “क्या आप उससे शादी करेंगे की टिप्पणी को संदर्भ से बाहर देखा, जोकि विवाद पैदा करने और अदालत की छवि को धूमिल करने के लिए था’।
बलात्कार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मामले के संदर्भ में याचिकाकर्ता व्यक्ति से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से शादी करेगा। उसने उसे “जाओ और शादी करो” के लिए नहीं कहा था। सीजेआइ बोबडे की पीठ ने कहा कि बलात्कार के मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही की पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई।
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उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने एक संस्था के रूप में सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं को सर्वोच्च सम्मान दिया है। पीठ ने याचिकाकर्ता से कभी भी पीड़ित से शादी करने के लिए नहीं कहा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि एक संस्था और अदालत के रूप में हमारा हमेशा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार के हाथों में हमारी प्रतिष्ठा है, हमें इस तरह हमारी रक्षा करने की जरूरत नहीं है। इस मामले के सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा मामले में अदालत के बयानों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया जैसे कि विवाह और समझौते के लिए कोई सुझाव दिया गया था।
बता दें कि हरियाणा में एक नाबालिग के 26 हफ्ते के गर्भपात कराने कि अनुमति वाली याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की थी, सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी एक मार्च को आरोपित की याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी, जिसने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा अपनी अग्रिम जमानत को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी। सीजेआइ की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी।