CM केजरीवाल की घोषणा, दिल्लीवासियों के घर-घर राशन पहुंचाएगी AAP की सरकार

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आरयू वेब टीम। दिल्लीवासियों के लिए केजरीवाल सरकार ने राहत भरी घोषणा की है। कोरोना काल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट बैठक में ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत दिल्लीवासियों के घर-घर राशन भिजवाया जाएगा। यानी अब लोगों को राशन की दुकान पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश में हर सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अपने राज्य के गरीब लोगों को राशन बांटती है। जब से देश में राशन बंटना शुरू हुआ तब से गरीब लोगों को राशन लेने में बहुत दिक्कत आ रही है। कभी दुकान बंद मिलती है तो कभी मिलावट मिलती है तो कभी पैसा ज्यादा ले लेते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पिछले पांच साल में हमने राशन की व्यवस्था में बहुत सुधार किए हैं। आज हमारी कैबिनेट ने जो निर्णय लिए हैं वह किसी क्रांतिकारी निर्णय से कम नहीं है। आज हमने दिल्ली में डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना होगा।

साथ ही केजरीवाल ने बताया कि इस योजना के तहत अब लोगों को राशन की दुकान पर नहीं आना पड़ेगा, बल्कि राशन लोगों के घर इज्जत से पहुंचाया जाएगा। एफसीआइ के गोदाम से गेहूं उठाया जाएगा, आटा पिसवाया जाएगा, चावल और चीनी आदि की भी पैकिंग की जाएगी और लोगों को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा।

सीएम ने कहा कि लोगों को यह विकल्प दिया जाएगा कि जो दुकान पर जाकर राशन लेना चाहेगा वह दुकान पर जाकर ले सकता है और अगर होम डिलीवरी चाहते हैं तो उसका विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगले छह से सात महीने में होम डिलीवरी राशन शुरू हो जाएगा। होम डिलीवरी में गेहूं की बजाय आटा दिया जाएगा। केजरीवाल ने ये भी बताया कि जिस दिन दिल्ली में राशन की होम डिलीवरी शुरू होगी उसी दिन केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना भी लागू कर दी जाएगी।

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वहीं फैसले की जानकारी देते हुए सीएम ने उस दौर का भी जिक्र किया जब वो राजनीति में नहीं थे। उन्होंने कहा, ”व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है, क्योंकि राजनीति में आने से पहले मैं और मनीष सिसोदिया जी परिवर्तन नाम की संस्था चलाया करते थे। दिल्ली की झुग्गी बस्तियों के अंदर गरीब लोगों के साथ काम किया करते थे। गरीबों के हक के लिए काम करते थे। जब उनको राशन नहीं मिलता था तो उनको राशन दिलाने के लिए काम करते थे।

आगे कहा कि सूचना का अधिकार कानून का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हमने लोगों को राशन दिलवाने में किया। उन दिनों में लोगों का राशन चोरी हो जाया करता था और पूरा राशन नहीं मिलता था। सरकारी कागजात में तो एंट्री हो जाती थी कि हमने सबको राशन दे दिया और सब के फर्जी अंगूठे भी लग जाते थे।”

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