आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। खासकर भवानीपुर सीट पर, अगर ममता इस सीट से उपचुनाव हार जाती हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। वहीं उपचुनाव में भवानीपुर सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुकाबला कौन करेगा, इस पर सस्पेंस खत्म हो गया है। भाजपा ने इस सीट पर वकील प्रियंका टिबरीवाल के नाम की घोषणा कर दी है।
टिबरीवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं, सुप्रियो के सलाह के बाद ही वह अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुई थीं। प्रियंका टिबरेवाल चुनाव बाद हिंसा के मामले में लगातार अदालत में ममता सरकार को घेरती रही हैं। वहीं भाजपा ने समसेरगंज सीट से मिलन घोष और जंगीपुर सीट से सुजीत दास को उम्मीदवार बनाया है।
यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी का विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ, चुनाव आयोग ने की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव के तारीख की घोषणा
बता दें कि प्रियंका टिबरेवाल का जन्म सात जुलाई 1981 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वेलैंड गॉल्डस्मिथ स्कूल से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद, 2007 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के अधीनस्थ हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल कीं। साल 2015 में, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्वपन समदार से हार गई थीं।
गौरतलब है कि यह उपचुनाव ममता बनर्जी की साख और सीएम पद पर बने रहने के लिए बेहद अहम है। मई में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में उन्हें नंदीग्राम सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी वह सीएम बनी थीं. ऐसे में उनके लिए सीएम बनने के छह महीने के भीतर विधायक बनना जरूरी है। इसलिए भवानीपुर का चुनाव ममता बनर्जी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।