आरयू ब्यूरो, लखनऊ। महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ वीआइपी और वीवीआइपी भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने आ रहे हैं, लेकिन योगी सरकार ने अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर इस तरह के प्रोटोकॉल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ ने लिया है। अब अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा इसके समीप की तिथियों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का वीआइपी प्रोटोकॉल लागू नहीं करेगा।
अधिकारियों की मानें तो इस पहल के जरिए आम श्रद्धालुओं को स्नान पर्व के अवसर पर यादगार अनुभव उपलब्ध कराया जा सकेगा, जहां वह वीआइपी मूवमेंट के कारण हुई असुविधा, मार्ग परिवर्तन, बाधा और रोक से हटकर चिंतामुक्त होकर स्नान और यात्रा कर सकेंगे।
जारी सर्कुलर में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अमृत स्नान समेत सभी प्रमुख स्नान पर्वों और उसके आसपास के दिनों में वीआइपी मूवमेंट पर रोक रहेगी। ऐसे में, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि तथा उसके एक दिन पहले और एक दिन बाद तीर्थराज प्रयागराज में मूवमेंट के इच्छुक वीआइपी और वीवीआइपी को वीआइपी प्रोटोकॉल नहीं मिल सकेगा।
इतना ही नहीं, योगी सरकार ने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि वीआइपी और वीवीआइपी मूवमेंट को लेकर एक सप्ताह पहले ही सूचना उपलब्ध करानी होगी। इससे, ऐन वक्त पर निर्धारित होने वाले वीवीआइपी और वीआइपी मूवमेंट पर भी नकेल कसने में मदद मिलेगी, जिससे स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं को होने वाली असुविधा से बचाने में मदद मिलेगी। साथ ही वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नानों पर श्रद्धालुओं को होने भीड़ के बीच लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए इन तिथियों और इसके आसपास की तिथियों पर लोगों से सावधानी बरतने की अपील भी की गई है।
यह भी पढ़ें- योगी आदित्यनाथ ने कहा, संविधान देता है हमें समता-%E