आरयू ब्यूरो,लखनऊ। दुनिया के अंदर एक विषय को लेकर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक है। जनसंख्या नियंत्रण पर पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही। जिन देश और राज्यों ने इसको लेकर कदम उठाए, वहां सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं, लेकिन फिर भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए और कदम उठाने जरूरी हैं।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार यानी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर यूपी में नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी कर कही। योगी ने कहा कि ये नीति जारी करते हुए मुझे खुशी हो रही। उन्होंने कहा कि तमाम तथ्यों और समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए इस जनसंख्या नीति को लागू करने का कार्य आज प्रदेश सरकार कर रही है।
योगी ने आगे कहा कि वास्तव में जनसंख्या स्थिरीकरण का प्रयास समाज की व्यापक जागरुकता के साथ जुड़ा हुआ है। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जहां समाज में गरीबी है, वहां जनसंख्या वृद्धि के साथ उसका संबंध हो जाता है। ऐसे में व्यापक जागरुकता का अभियान उन तबकों को ध्यान में रखकर नहीं चलाएंगे, तब तक लक्ष्य को पाने में कठिनाई होगी।
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सीएम ने आगे कहा कि देश में आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य के बारे में सोचना होगा। जनसंख्या नीति का संबंध केवल जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ ही नहीं है, बल्कि हर एक नागरिक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि का रास्ता उसके द्वार तक पहुंचाना भी है।
योगी ने कहा कि यूपी विधानसभा में हम लोगों ने 2018-19 में कुछ प्रयास शुरू किए। इसमें समाज के हर तबकों की भूमिका और योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए सबसे पहले बड़ा काम जागरुकता है। अगर इस दिशा में हम प्रयास कर सकें, ये जरूरी है। इस दौरान योगी ने कहा कि दो बच्चों के बीच अंतराल होना चाहिए। ये अंतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। बच्चों के बीच अंतराल न होने से कुपोषण का खतरा रहता है। साथ ही सीएम ने जनसंख्या नीति का नया ड्राफ्ट लॉन्च किया। इस अवसर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान दो लाभार्थियों को सम्मान राशि देकर प्रोत्साहित भी किया।
क्या है ये नीति? जानिए
यूपी सरकार 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाएगी। साथ में सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी। वहीं उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात जन्म दर, मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता या बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास किए जाएंगे।
नवीन नीति में वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें एक अहम बिंदु 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है।