जयराम रमेश ने कहा, ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति व लोकतांत्रिक संस्थाओं को किया नष्ट, सरकार गिराने में हुआ चंदे का इस्‍तेमाल

जयराम रमेश
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार ने प्रदेश की राजनीतिक संस्कृति एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट किया है। साथ ही दावा किया कि पूर्व की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने के लिए चुनावी बॉण्ड से मिले चंदे का इस्तेमाल किया गया था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज ये भी कहा कि महाराष्ट्र में चंदे से जुड़े इस मामले के कारण सरकारी खजाने को दस हजार करोड़ रुपये से अधिक चपत लगी है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि, ‘‘कल, यह सामने आया था कि महायुति ने अपने अभियान के लिए चंदा के बदले में बढ़ी हुई निविदाओं में सरकारी खजाने से कम से कम 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए। महायुति का सरकार बनाना और सत्ता में आना सत्ता के प्रति उसके लालच और लोकतांत्रिक मूल्यों की उपेक्षा का प्रमाण है।’’ उन्होंने दावा किया कि ऐसे गलत तरीके से प्राप्त चुनावी बॉण्ड के चंदे द्वारा शिवसेना और राकांपा विधायकों की खुली खरीद-फरोख्त संभव हुई।

रमेश ने कहा, ‘‘रिश्वतखोरी के अलावा, महायुति ने विधायकों और नेताओं को महायुति में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए ईडी, सीबीआइ व आयकर विभाग को भी तैनात किया है। इसका प्रमाण स्वयं महायुति नेताओं से मिला है, यथा- अब सांसद रवींद्र वायकर, जिन्होंने विशेष रूप से कहा था कि जब वह एमवीए में थे तो उनके पास दो विकल्प थे- राजनीतिक दल बदलो या जेल जाओ।’’ साथ ही आरोप लगाया कि ‘महायुति’ ने महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट कर दिया है।

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कांग्रेस महासचिव का कहना है, ‘‘अब हम जानते हैं कि चुनावी बॉण्ड घोटाले में भारतीय नागरिकों को चार लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हम यह भी जानते हैं कि इससे महाराष्ट्र के खजाने को कम से कम दह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सवाल यह है कि महा विकास आघाडी सरकार को गिराने में कितना चंदा लगा?’

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