EVM: बटन कोई भी दबे वोट बीजेपी को, EC ने मांगी रिपोर्ट

यूपी विधानसभा

आरयू वेब टीम।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिले भाजपा के भारी बहुमत पर विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर ईवीएम में गड़बडी का आरोप लगाया था। इन आरोपों का सिलसिला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि मध्य प्रदेश के भिंड में होने वाले उप चुनाव में इस्ते़माल की जाने वाली वीवीपीएटी से अभ्यास के दौरान कोई भी बटन दबाने पर भाजपा की पर्ची निकलने का मामला सामने आया है।

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चुनाव आयोग ने भिंड में जिला निवार्चन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन रिर्पोटों पर विस्तृत जानकारी मांगी है, जिनमें बताया गया है कि एक अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वीवीपीएटी से केवल बीजेपी के निशान वाली पर्चियां ही निकल रही थीं।

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क्या है वीवीपीएटी की प्रक्रिया

वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एक ऐसी मशीन है, जिससे एक पर्ची निकलती है जो मतदाता को यह दिखाती है कि उसने किस पार्टी को वोट दिया है। यह पर्ची सात सेकेंड तक ही मतदाता को दिखती है। उसके बाद वह डिब्बे में गिर जाती है। मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता। मीडिया मे आई रिपोर्ट के अनुसार अभ्यास के दौरान जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट बीजेपी को गया है।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्य प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को यह न्‍यूज न दिखाने के लिए धमकाया और कहा कि अगर उन्‍होंने न्‍यूज दिखाई तो उन्हें पुलिस थाने में हिरासत में रखा जाएगा। वहीं कांग्रेस नेता ईवीएम मशीन में कथित गड़बड़ी वाले इस खबर पर काफी सक्रिय हो गए हैं। इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से भी मुलाकात करेगा।

बसपा सुप्रीमो ने ईवीएम में धांधली का लगाया था आरोप

यूपी विधानसभा चुनावों में बसपा की हार पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने ईवीएम में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव आयोग से जांच की मांग की थी। हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। आयोग ने कहा था कि वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ हो सकती है यह आज तक कोई सिद्ध नहीं कर पाया है, जबकि कई बार लोगों को इसे सिद्ध करने का मौका दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट भी जारी कर चुका है नोटिस

गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले ही चुनावों में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया। सीजेआई की कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर जारी किया है। शर्मा ने पांच राज्यों में हुए चुनावों में भाजपा को मिली भारी जीत पर सवाल उठाया और कहा है वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि वोटिंग मशीनों का टेंपर टेस्ट विदेशी विशेषज्ञों से करवाया जाए।

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वहीं इस संबंध आयोग के एक प्रवक्ता कहा, हमने जिला निवार्चन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। शाम तक हम इस संबंध में कोई जवाब देंगे।