आरयू वेब टीम।
कांग्रेस प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी में गुंडों को तरजीह मिलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके साथ ही शुक्रवार सुबह ही उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल से ‘कांग्रेस प्रवक्ता’ हटा दिया। इससे पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल में ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस’ जोड़ा हुआ था, जो शुक्रवार को नहीं है।
इससे पहले प्रियंका ने 17 अप्रैल को ट्वीट करते हुए कांग्रेस के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी। तब से उनका कोई बयान सामने नहीं आया है ना ही वह किसी टीवी डिबेट्स में पार्टी का पक्ष रखती हुई नजर आई हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने अब अपनी ट्विटर प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट-ब्लॉगर-मदर बताया है। साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट्स को पर्सनल बताया हुआ है और रिट्वीट के बारे में भी लिखा है।
ये था पूरा मामला
यहां बताते चलें कि 17 अप्रैल को प्रियंका ने ट्वीट कर मथुरा के स्थानीय नेताओं पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। प्रियंका ने ट्वीट किया था, ‘जो लोग मेहनत कर अपनी जगह बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को तवज्जो मिल रही है।
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उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। इनका बिना किसी कड़ी कार्रवाई के बच जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।’
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जिस विवाद का प्रियंका ने जिक्र किया था, वह सितंबर 2018 के आस-पास का था। ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी थी, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के मथुरा में जब प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी की तरफ से राफेल विमान सौदे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई थीं, तब कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद सभी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी, लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य की सिफारिश के बाद उन सभी को बहाल कर दिया गया था।