आरयू वेब टीम। सूरत, खजुराहो और इंदौर के बाद अब ओडिशा के पूरी में कांग्रेस को झटका लगा है। पार्टी की तरफ से पुरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अपना टिकट लौटा दिया है। इसके पीछे की वजह उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए पार्टी से पर्याप्त फंड नहीं मिलने की बात कही है।
एक्स पर पोस्ट करते हुए सुचारिता मोहंती ने पोस्ट में कहा, ‘मैंने चुनाव लड़ने के लिए पब्लिक फंडिंग का सहारा लिया। अपने कैम्पेन में कम से कम खर्च करने का प्रयास किया, इसके बावजूद मैं आर्थिक रूप से संघर्ष करती रही और एक प्रभावशाली चुनाव प्रचार अभियान को कायम नहीं रख सकी।’ सुचारिता ने बताया कि, ‘मुझे पार्टी की तरफ से फंड देने से इनकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा विधानसभा सीटों पर भी कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया गया। एक तरफ जहां भाजपा और बीजद पैसे के पहाड़ पर बैठे हैं दूसरी तरफ मैं अपना प्रचार करने के लिए संघर्ष कर रही हूं। ये मेरे लिए मुश्किल था। हर जगह धन का अश्लील प्रदर्शन हो रहा है। मैं उस तरह प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहती। मैं एक पीपल-ओरिएंटेड कैम्पेन चाहती थी, लेकिन धन की कमी के कारण यह भी संभव नहीं था। कांग्रेस भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। भाजपा सरकार ने पार्टी को पंगु बना दिया है।’
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल को लिखे पत्र में सुचरिता ने कहा, ‘पुरी संसदीय क्षेत्र में हमारा अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने मुझे फंड देने से इनकार कर दिया है। पार्टी के ओडिशा प्रभारी डॉ. अजॉय कुमार जी ने स्पष्ट रूप से मुझसे बचाव करने के लिए कहा है। मैं एक सैलरीड प्रोफेशनल जर्नलिस्ट थी, जो दस साल पहले चुनावी राजनीति में आयी। मैंने पुरी में अपने कैम्पेन में अपना सब कुछ झोंक दिया। मैंने अपने चुनाव अभियान को फंड करने के लिए पब्लिक डोनेशन कैम्पेन चलाने की कोशिश की, लेकिन अब तक इसमें कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। मैंने खर्च को भी न्यूनतम करने का प्रयास किया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘चूंकि मैं अपने दम पर धन नहीं जुटा सकी, इसलिए मैंने आपका और हमारी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का दरवाजा खटखटाए, और पुरी संसद सीट पर एक प्रभावशाली अभियान के लिए आवश्यक पार्टी निधि देने का आग्रह किया। ये स्पष्ट है कि केवल धन की कमी ही हमें पुरी में विजयी अभियान से रोक रही है। मुझे खेद है कि पार्टी फंडिंग के बिना, पुरी में अभियान चलाना संभव नहीं होगा, इसलिए, मैं पुरी संसदीय क्षेत्र के लिए कांग्रेस का टिकट वापस कर रही हूं। ऐसे समय में जब सत्तारूढ़ सरकार हर जगह धन का भद्दा प्रदर्शन कर रही है, मैं बिना फंड के चुनाव नहीं लड़ सकती।’
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बता दें कि लोकसभा चुनाव जबसे शुरू हुआ है कांग्रेस को कई झटके लग चुके है। पहले तो उसके कई बड़े बेताओं ने पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थम लिया उसके बाद कई नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। फिर सूरत और खजुराहो में पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो गया। इंदौर में तो कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन अपना पर्चा वापिस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए।