आरयू वेब टीम। देश में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज करने की नई गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के अनुसार मरीजों में संक्रमण के लक्षण के आधार पर तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया गया है। तीनों कैटेगरी के मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज करने के अलग नियम तय किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन के अनुसार ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है या बहुत हल्के हैं, उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा, जिनमें थोड़े गंभीर लक्षण है उन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा, जिनमें गंभीर लक्षण हैं और ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं उन्हें क्लिनिकल सिंटम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
यहां जाने कोरोना संक्रमित मरीजों के डिस्चार्ज होने की प्रकिया
बहुत हल्के लक्षण वाले मरीज
ऐसे मरीजों को अगर तीन दिन तक बुखार न आए तो दस दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इनका रेगुलर टेंप्रेचर की जांच और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग होती रहेगी, हालांकि डिस्चार्ज से पहले उन्हें कोरोना की टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। गाइडलाइन के अनुसार मरीज को डिस्चार्ज के बाद सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा।
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थोड़े गंभीर लक्षण वाले मरीज
ऐसे मरीजों का बुखार अगर तीन दिन में ठीक हो जाता है और ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से ज्यादा रहता है तो ऐसे मरीज को दस दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इन्हें भी डिस्चार्ज से पहले कोरोना टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। साथ ही डिस्चार्ज के बाद सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा।
गंभीर लक्षण वाले मरीज
गंभीर बीमारी से जूझ रहे कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए नियम कुछ सख्त हैं। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाएगा। क्लीनिकल सिंटम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जा सकता है। साथ ही डिस्चार्ज से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट भी नेगेटिव आना अनिवार्य होगा। इसके अलावा एचआइवी और अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को आरटी-पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
बताते चलें कि अब तक के नियमों के अनुसार, किसी मरीज को तब छुट्टी दी जाती थी जब 14 दिन पर उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी और इसके बाद फिर 24 घंटे के अंतराल में रिपोर्ट निगेटिव आती थी।