आरयू वेब टीम। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई कि अब तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। इस बीच कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट नई मुसीबत बनकर आ गया है। कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है। इस डेल्टा प्लस को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आइएनएसएसीओजी के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इनके कुछ जिलों में पाए गए कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव जिलों के जीनोम सिक्वेंसिंग में इस वायरस के होने की पुष्टि हुई है। वहीं, केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा जिले, और मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले में भी डेल्टा स्वरूप पाया गया है, जबकि महाराष्ट्र में कोरोना के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा प्लस के अभी तक 21 मामले सामने आ चुके हैं।
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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि इस स्वरूप के सबसे अधिक नौ मामले रत्नागिरी, जलगांव में सात मामले, मुंबई में दो और पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 7,500 नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। ये नमूने 15 मई तक एकत्रित किए गए थे और इनका जीनोम सिक्वेंसिंग किया जा चुका है।
केरल में कम से कम तीन केस
केरल के दो जिलों- पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से एकत्र किए गए नमूनों में सार्स-सीओवी-2 डेल्टा-प्लस स्वरूप के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पथनमथिट्टा के जिलाधिकारी डॉ. नरसिम्हुगरी टी एल रेड्डी ने कहा कि जिले के काडापरा पंचायत का एक चार वर्षीय लड़का वायरस के नए डेल्टा-प्लस संस्करण से संक्रमित पाया गया।