आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर एक बार फिर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालयों में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इसके बाद भी सरकार विदेश में छात्रों को सम्मान दिलाने का दावा कर रही है।
सपा मुखिया ने आज ट्वीट कर कहा कि देश-प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जब आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो भला विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस में दलित, पिछड़े, आदिवासी अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्या मान, सम्मान और स्थान मिलेगा। कहीं आरक्षण के खिलाफ ये भाजपा की पिछले दरवाजी की राजनीति तो नहीं।
इससे पहले अखिलेश यादव ने योगी सरकार के यूपी में निवेश लाने के प्रयासों पर तंज कसा कसते हुए कहा कि देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने का विचार तभी स्वागत योग्य है जब उससे पहले, सालों से जो भारतीय शैक्षिक संस्थान विश्वस्तर पर प्रसिद्ध हैं उनकी दशा सुधारी जाए व फीस कम की जाए। सराहनीय तो ये होगा कि भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंपस विदेशों में खोलने का प्रयास हो।
…लेकिन जमीन पर कोई निवेश दिखाई नहीं दिया
अखिलेश यादव ने कहा कि पिछली बार भी भाजपा सरकार ने इसी तरह से जोर-शोर के साथ इन्वेस्टर्स समिट किया था और लाखों करोड़ के एमओयू होने का दावा किया था, लेकिन जमीन पर कोई निवेश दिखाई नहीं दिया था। अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं मुंबई में उद्योगपतियों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए को मनाने गए हैं।
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सपा चीफ ने कहा कि प्रदेश की हालात देखकर यहां कोई भी उद्योगपति और व्यापारी निवेश को तैयार नहीं हैं। पूंजीनिवेश के मामले में भाजपा सरकार हवा में ही लाठियां भांजती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से यूपी विकास के मामले में लगातार पिछड़ता जा रहा है।