आरयू वेब टीम। कोरोना के घटते संक्रमण के बीच अब दो से 18 साल से बच्चों के भी अब कोरोना की वैक्सीन लगाई जा सकेगी। इसके लिए डीजीसीआई ने कोवैक्सीन को हरी झंडी के दी है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और आइसीएमआर ने मिलकर बनाया है। यह पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है। क्लीनिकल ट्रायल्स में इसके नतीजे लगभग 78 प्रतिशत असरदार साबित हुए हैं।
भारत बायोटेक कंपनी ने सितंबर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवॉक्सिन का फेज-2 और फेज-3 ट्रायल पूरा किया था। इसके बाद डीसीजीआइ की मंजूरी के लिए ट्रायल डाटा जमा किया था। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से जल्द ही इसे लेकर गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। उसके बाद ही बच्चों को टीका लगना शुरू होगा।
बताया गया है कि बच्चों को भी बड़ों की तरह कोवैक्सीन की दो टीके लगेंगे। वैक्सीनेशन का ही असर है कि देश में कोरोना के मामले कम होने लगे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 14 हजार के करीब नए मामले सामने आए हैं जो 224 दिनों बाद सबसे कम हैं।
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कोरोना के खिलाफ अभियान में बुजुर्गो और 45 साल से ऊपर के लोगों के बाद 18 साल की उम्र पार कर चुके सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, हालांकि अभी भी 18 साल से नीचे के किशोर वर्ग और बच्चों के वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है। बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में ऑपरेशनल रिसर्च ग्रुप ऑफ द नेशनल टास्क फोर्स फॉर कोविड-19 डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है कि देश में कुल 44 करोड़ बच्चे हैं, जिनमें से 12 साल कम उम्र के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है।
वहीं 12 से 17 साल के कुल 12 करोड़ बच्चे हैं। फिलहाल भारत में जायकोव डी को इसी आयुवर्ग के बच्चों के टीकाकरण के लिए मंजूरी मिली है। इसी महीने किशोर वर्ग को वैक्सीन लगना शुरू होने की उम्मीद है।