आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए बुधवार को नोटिस जारी किया है, जिसमें दिल्ली की जामा मस्जिद भी शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान जामा मस्जिद को वक्फ बोर्ड को दिया गया था। अब मोदी सरकार दिल्ली की महत्वपूर्ण संपत्तियों को वापस लेगी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने गैर-अधिसूचित वक्फ संपत्तियों पर दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। जिनमें मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल हैं। मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और आप विधायक अमानुतल्लाह खान को पत्र लिखा है।
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बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान साल 2014 में संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को दिया गया था। इनमें से 61 का स्वामित्व भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएनडीओ) के पास था और बाकी 62 संपत्तियों का स्वामित्व दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पास था। 2015 में केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने कहा था कि वो इन संपत्तियों के स्थानांतरण की जांच कराएगी।