आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एटा जिले में शुक्रवार को पुलिस के लाठीचार्ज और फायरिंग को लेकर सूबे की राजधानी लखनऊ के शिक्षामित्रों में भी जबरदस्त गुस्सा है। योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताने के साथ ही आज शिक्षामित्रों ने न सिर्फ बांह और सिर पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।
बल्कि उत्तर प्रदेश से बाहर ‘समान कार्य, समान वेतन’ समेत अपनी अन्य मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से पहुंचाने के लिए भी रणनीति बनाई। शिक्षामित्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर 11 सिंतबर को होने वाले प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा साथियों के पहुंचकर प्रदर्शन को सफल बनाने की तैयारी भी तेज कर दी है।
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जिले के विभिन्न ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे शिक्षामित्रों ने कहा कि तमाम आश्वासन दावों के बाद योगी सरकार ने हम लोगों के साथ धोखा किया। इसके विरोध करने पर एटा जिले में शिक्षामित्रों पर पुलिस ने जिस तरह की कार्रवाई की है वह सीधे तौर पर हिटलरशाही का नमूना है।
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शिक्षामित्रों ने कहा कि हम लोगों पर ज्यादती पूरे प्रदेश में हो रही है, लेकिन जिस तरह से एटा में नियम-कानून को ताख पर रखकर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा महिला शिक्षामित्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया है। हम लोग इसका विरोध अंतिम सांस तक करेंगे।
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शिक्षामित्र संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील भदौरिया ने कहा कि हम अपना अधिकार मांग रहे है, लेकिन उसके बदले में प्रदेश भर में हम लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। योगी सरकार ने हम लोगों के साथ धोखा किया है। अब हम लोग हक मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। विभिन्न ब्लॉक संसाधन केंद्रों प्रदर्शन करने वालों में उमेश पांडेय, प्रदीप सिंह, रघुवेन्द्र सिंह, राजू यादव समेत सैकड़ों शिक्षामित्र सामिल रहें।
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