आरयू वेब टीम। देश की राजधानी दिल्ली में एक तरफ कोरोना तो दूसरी ओर प्रदूषण ने लोगों की मुसीबत को बढ़ा रखा है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ने लगा है। सोमवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट ने आठ बजे के जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब की श्रेणी में आता है।
इनमें आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, डीटीयू आदि प्रमुख हैं। जिन इलाकों में एक्यूआई 300 से कम है तो वो भी 250 के पार है, जो सांसों के लिए उतनी ही हानिकारक है। इसके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार आर के पुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 297 (‘खराब’ श्रेणी) पर है।
वहीं तापमान में गिरावट और हवा के मध्यम चाल की वजह से रविवार को राजधानी की हवा खराब श्रेणी में एक दिन के मुकाबले 23 अंक के आकड़ों के चढ़ाव के साथ और खराब हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार को औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 274 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह आंकड़ा 251 था। साथ ही दिल्ली-एनसीआर में शामिल गाजियाबाद में 288 के आंकड़े के साथ सबसे खराब हवा दर्ज की गई। दरअसल इन दिनों हवा का रुख उत्तर- पश्चिम दिशा की ओर बना है। साथ ही हवा की रफ्तार में भी कमी है। इसके अलावा वेंटिलेशन इंडेक्स कम होने की वजह से प्रदूषण के तत्वों को छंटने में मदद नहीं मिल रही।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, शनिवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की कुल 649 घटनाएं दर्ज की गई, जिससे उत्पन्न होने वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की प्रदूषण में 12 फीसदी हिस्सेदारी रही, जबकि एक दिन पहले यह 15 फीसदी और शुक्रवार को 13 फीसदी थी।
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वहीं, पीएम 10 का स्तर 187 और पीएम 2.5 का स्तर 108 के साथ खराब श्रेणी में रहा। इससे एक दिन पहले पीएम10 का स्तर 175 और पीएम 2.5 का स्तर 100 था। पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित श्रेणी में रखा जाता है।
रविवार को हवा की रफ्तार 12 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई थी। इससे प्रदूषण के तत्वों को बढ़ने में मदद मिली है। वहीं, वेंटीलेशन इंडेक्स 6500 वर्ग मीटर प्रति सेकंड दर्ज किया गया है, हालांकि सोमवार से हवा की रफ्तार 8 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके अलावा वेंटिलेशन इंडेक्स 15000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच सकता है। इससे राजधानी की हवा खराब से बहुत खराब श्रेणी में भी पहुंचने की संभावना बनी हुई है।