आरयू वेब टीम। देश की राजधानी दिल्ली में दमघोटू हवा के कारण प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। इन स्कूलों को कल यानि पांच नवंबर से नहीं खोला जाएगा। अब ये कब तक बंद रहेंगे इसकी जानकारी नहीं मिली है। दिल्ली सरकार का कहना है कि हालातों को देखते हुए स्कूलों को दोबारा खोलने पर विचार किया जा सकता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने आज एक अहम बैठक बुलाई है। इस मामले में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों को बंद करने का सुझाव दिया था। वहीं दिल्ली में स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन मोड में कक्षाएं जारी रहने वाली हैं। कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं को ऑनलाइन किया जाएगा।
दरअसल दिल्ली में आज प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुका है। यहां पर एक्यूआई 472 तक पहुंच चुका है, जो बेहद गंभीर माना जाता है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए राजधानी के स्कूलों में ऑड-इवन लागू होने संभावना जताई जा रही है। वहीं दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर स्कूल के साथ कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में ऑड-इवन फॉर्मूले को अप्लाई किया जा सकता है।
इसके तहत केवल 50 फीसदी छात्रों को कक्षाओं में फिजकली बुलाया जा सकता है। वहीं आधे छात्र तीन दिनों तक घर में रहेंगे। प्रदूषण के कारण नोएडा में चार नवंबर से लेकर आठ नवंबर तक कक्षा एक से कक्षा आठ तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इन बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होगी। इसके साथ यह भी कहा गया है कि अगर संभव हो तो कक्षा नौ से 12वीं तक स्कूलों को बंद करने के लिए आठ नवंबर तक ऑनलाइन करवाई जाए। गुरुग्राम में भी प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा वाहनों में भी ऑड-इवन के नियम लागू हो सकते हैं। ये नियम केवल चार पहिये वाले वाहनों पर लागू होगा। इसके तहत ऑड नंबर की तारीख पर ऑड नंबर प्लेट की गाड़ियों को सड़क पर चलाने की इजाजत होगी। वहीं इवन नंबर की तारीख पर इवन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को चलाने की मंजूरी दी जाएगी। इसमें इमरजेंसी व्हीकल्स और कमर्शियल वाहनों को छूट मिलेगी।
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक हाईलेवल मीटिंग में कहा कि राजधानी में प्रदूषण से हालात बिगड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि हाईवे, रोड, ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही दिल्ली में हेवी व्हीकल्स की एंट्री पर पाबंदी लगाई गई है। दिल्ली के सरकारी आफिसों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम होगा। प्राइवेट दफ्तरों में भी 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे।