आरयू वेब टीम। दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत लगातार बदहाल स्थिति में जा रही है। रविवार सुबह देश की राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही, सुबह राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 पर रहा। दिल्ली विश्वविद्यालय और पूसा इलाके का एक्यूआई क्रमशः 372 और 343 रहा। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स के गंभीर श्रेणी में आने के बाद और प्रतिबंध लगाए गए है।
वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान चरण के तहत निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही आयोग ने अपील की है कि संभव हो तो वर्क फ्रॉम होम करें। प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो रेल से संबंधित आवश्यक परियोजनाओं पर लागू नहीं होंगे। क्षेत्र में खनन गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आगे कहा कि राज्य खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए एनआरसी में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। यह निर्देश अधिकारियों के लिए बाध्यकारी नहीं है। आयोग ने अपील की है कि संभव हो तो वर्क फ्रॉम होम करें।
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वहीं निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध से नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में आवास परियोजनाओं को प्रभावित करने की संभावना है। दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चाल बजे 397 रहा, जो जनवरी के बाद सबसे खराब है। गुरुवार को यह 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार (दिवाली) को 312 थी। सीएक्यूएम ने कहा, “धीमी हवा की गति के साथ प्रतिकूल मौसम की स्थिति और खेत में आग की घटनाओं में अचानक वृद्धि के कारण पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी के तीसरे स्टेज को लागू करना जरूरी हो गया।