आरयू वेब टीम। राजधानी दिल्ली में कोरोना के खिलाफ सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ी जा रही है। कोरोना हारेगा, दिल्ली जीतेगी, जीत पक्की है, लेकिन कब होगी, यह नहीं कहा जा सकता। दिल्ली ने कोरोना के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है और इस युद्ध में पांच हथियार हैं। उक्त बातें शनिवार को एक प्रेसवार्त में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही।
साथ ही सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई। बड़े स्तर पर टेस्टिंग और आइसोलेशन किया गया। ऑक्सीमीटर दिए गए और प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया। सर्वे और स्क्रीनिंग कर महामारी का मुकाबला किया है। केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों में 40 फीसदी बेड बढ़ाए गए हैं। दिल्ली में साढ़े 13 हजार बेड हैं। यहां आधे से ज्यादा बेड खाली हैं। अभी बेड्स की कमी नहीं है और भी बेड्स का इंतजाम कर रहे हैं।
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इतना ही नहीं दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि जून के पहले हफ्ते में जहां रोजाना पांच हजार टेस्ट हो रहे थे। वहीं आज 20 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। अब कोई यह शिकायत नहीं कर रहा कि टेस्ट नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मार्च से खासतौर से उन देशों से जहां कोरोना ज्यादा फैला था, वहां से 35,000 लोग दिल्ली आए, उनकी स्क्रीनिंग हुई और जिसको बुखार हुआ उनको अस्पतालों में भर्ती किया गया। यह सब लोग अपने घर चले गए क्योंकि उन दिनों जानकारी कम थी और गाइडेंस भी कम थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके घर जाने के बाद कोरोना फैला, लॉकडाउन हुआ तो कोरोना कम फैला। 15 मई के आसपास से कोरोना तेजी से फैलने लगा। जून के महीने में उम्मीद से ज्यादा तेजी से फैलने लगा। जून के महीने में जब बेड की दिक्कत हुई तो मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा। आखिर में प्लान बनाया कि लॉकडाउन खोलकर कोरोना से लड़ना पड़ेगा।