डिप्टी CM केशव मौर्या पर लगा फर्जी डिग्री इस्‍तेमाल करने का आरोप, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

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फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो,लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी डिग्री होने के आरोप लग रहे हैं। प्रयागराज की एक अदालत ने कथित फर्जी डिग्री आरोपों की प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं। अतिरिक्‍त मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट की अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वो इस मामले में प्रारम्भिक जांच करें। मामले में एसीजेएम प्रयागराज नम्रता सिंह ने प्रयागराज कैंट के प्रभारी को एक हफ्ते के अंदर बिंदुवार रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। अब इस केस की अगली सुनवाई 25 अगस्‍त को होगी। आरटीआई कार्यकर्ता और भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवाकर त्रिपाठी ने याचिका दायर कर केशव प्रसाद मौर्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर पांच अलग-अलग चुनाव लड़े हैं।

प्रथम, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज द्वारा डिप्टी सीएम को जारी उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष जैसी डिग्री की प्रमाणिकता, दूसरा मौर्या द्वारा चुनाव के हलफनामे में फर्जी प्रमाण पत्रों के प्रयोग के आरोप के संबंध में, इसके अलावा कोर्ट ने डिप्टी सीएम द्वारा पेट्रोल पंप लेने के लिए हाई स्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट के इस्तेमाल के संबंध में भी जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी हाई स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर इंडियन ऑयल से पेट्रोल पंप हासिल किया।

आरटीआइ एक्टिविस्‍ट दिवाकर त्रिपाठी ने इस मामले में एक याचिका दाखिल कर डिप्‍टी सीएम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उन्‍होंने पांच अलग-अलग चुनावों में फर्जी डिग्री के इस्‍तेमाल का आरोप लगाया है। साथ ही फर्जी डिग्री के आधार पर एक पेट्रोल पंप हासिल करने का भी आरोप लगाया है।

मामले में कोर्ट ने पुलिस को बिंदुवार जांच करने के आदेश दिए हैं। इसमें सबसे पहले जिन बिंदुओं पर पुलिस को तहकीकात करनी है उनमें ये शामिल है कि क्‍या हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा डिप्‍टी सीएम को जारी मध्‍यमा द्वितीय वर्ष की डिग्री की प्रमाणिक है। वहीं, दूसरे बिंदु में ये देखना है कि क्‍या आरोपों के मुताबिक कथित फर्जी प्रमाण पत्रों का चुनावी शपथ पत्रों में इस्‍तेमाल किया गया है या नहीं किया गया है।

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साथ ही उप मुख्यमंत्री पर पेट्रोल पंप हासिल करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का आरोप है। इस बाबत कोर्ट ने डिप्‍टी सीएम पर पेट्रोल पंप हासिल करने के लिए हाईस्‍कूल के फर्जी प्रमाण पत्र के इस्‍तेमाल के आरोप की भी जांच का निर्देश दिया है। दरअसल, उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्‍होंने इंडियन ऑयल का एक पेट्रोल पंप कथित रूप से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर हासिल किया है।

एसीजेएम कोर्ट ने प्रियंका श्रीवास्तव बनाम यूपी राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर यह आदेश दिया है। 19 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले में फैसला सुनाया था। इससे पहले कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कथित फर्जी डिग्री मामले में सुनवाई सात अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

इसके साथ ही फर्जी डिग्री के आधार पर पेट्रोल पंप भी हासिल किया गया है। बीजेपी नेता ने अपनी याचिका में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का चुनाव रद करने और पेट्रोल पंप का आवंटन भी रद करने की मांग की है। आवेदन में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2007 का चुनाव सिटी वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2012 में सिराथू से विधानसभा चुनाव भी लड़ा और 2014 में फूलपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा।