आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में 30 नए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय खोले गए व शोध को बढ़ावा दिया गया है। विज्ञान, वाणिज्य और प्रबंधन में मेजर व माइनर रिसर्च शुरु किया है। पूरे प्रदेश में दीनदयाल शोध पीठ की स्थापना की है। पहले एनओसी की प्रक्रिया जटिल थी, उसे सरल किया गया है।
उक्त बातें बुधवार को यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने लोकभवन में उच्च शिक्षा विभाग की चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कही। साथ ही कहा कि वित्त विहीन अनुदानित विश्वविद्यालयों में वेतन के मानक को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। वहीं नए पाठ्यक्रम को विश्व विद्यालय में ऑनलाइन कर दिया है। विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए ऑनलाइन एनओसी देने की भी व्यवस्था भी सरकार ने की है। कोरोना काल में विद्या दान माह की शुरुआत की। 70 हजार से अधिक ई-कंटेंट ऑनलाइन अपलोड किया गया है।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि बोर्ड की परीक्षा की तारीख जल्द घोषित होगी। ई-लर्निंग पर सरकार ने बड़े स्तर पर फोकस किया जा रहा है। शोध कार्यों के लिए सरकार बड़े स्तर पर वित्तीय पोषण विश्वविद्यालयों को कर रही है। नई शिक्षा नीति के तहत एम-फिल 2021-22 सत्र में समाप्त होगा।
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साथ ही दिनेश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू हो, इसके लिए 16 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उच्च शिक्षा में आधुनिक शिक्षा का समावेश करना हमारा उद्देश्य है। उच्च शिक्षा में शैक्षिक सत्र को नियमित किया है। परीक्षाओं को नकल विहीन किया, साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई पर भी जोर दिया है।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने 30 निजी क्षेत्र के यूनिवर्सिटी को आशय पत्र दिया है। ये भी कहा कि आजमगढ़ विवि की स्थापना के लिए भूमि की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य तेजी से हो, इसमें शिक्षा चयन आयोग कार्य कर रहा है। शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी किया गया है। जनहित गारंटी के जरिए शैक्षिक प्रमाण पत्र, सत्यापन और ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया को शुरू किया। कोरोना काल में ही बीएड की परीक्षा हुई। 2020-21 में ऑनलाइन मान्यता से देने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे है। व्यावसायिक शिक्षा पर भी हमने फोकस किया है। 2020 में जिलों में पुस्तकालय के साथ टैबलेट उपलब्ध कराए। मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 15 लाख और माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए पांच लाख रुपए निर्धारित किया है।