देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने जगदीप धनखड़, विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को दी शिकस्त

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

आरयू वेब टीम। एनडीए कैंडिडेट जगदीप धनखड़ ने शनिवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में अपनी करीबी प्रतिद्वंदी और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को मात दे दी है। इस तरह धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं। चुनाव में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को सिर्फ 182 मत ही मिले।

एनडीए के प्रत्याशी व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ की दावेदारी पहले से ही मजबूत थी। दरअसल सत्तारूढ़ भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा में 91 सदस्य होने के मद्देनजर धनखड़ के लिए जीत काफी आसान थी। वह मौजूदा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल दस अगस्त को खत्म हो रहा है।

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह मतदान से दूर रहेगी, लेकिन टीएमसी के सिर्फ दो सांसदों ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट डाला है। बाकी वोट न डालने वाले 50 से ज्यादा सांसदों में से अधिकांश सांसद इसी पार्टी के रहे। दोनों सदनों को मिलाकर तृणमूल कांग्रेस के कुल 39 सांसद हैं। ममता बनर्जी की पार्टी द्वारा अपने कदम पीछे खींचने से विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार अल्वा की संभावनाओं को बहुत बड़ा धक्का लगा था। वहीं, ममता के इस फैसले को एकजुट विपक्ष में एक बड़े बिखराव के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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गौरतलब है कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत लगभग 93 प्रतिशत सांसदों ने मतदान किया। वहीं, 50 से ज्यादा सांसद ऐसे रहे जिन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। अधिकारियों ने बताया कि शाम 5 बजे जब मतदान संपन्न हुआ, तब तक कुल 780 सांसदों में से 725 ने मतदान किया था। बता दें कि संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 788 होती है, जिनमें से राज्य सभा की आठ सीटें खाली हैं।

बता दें कि इस चुनाव में 15 अवैध मत भी पड़े थे। चुनाव में धनखड़ की जीत तय मानी जा रही थी, क्योंकि उन्हें एनडीए के दलों के अलावा विपक्ष की पार्टियों से भी समर्थन मिला था। ये एक संयोग ही है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति दोनों ही एक राज्य से हैं।

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