आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को भारत के नए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी ) के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर को नमन किया।
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी हैं। नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू ने पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक के साथ एमबीए भी किया है। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके जीसी मुर्मू को तेज-तर्रार अफसर माना जाता है।
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उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पद जल्द ही खाली हो रहा था, क्योंकि मौजूदा ऑडिटर राजीव महर्षि 65 वर्ष के हो गए थे। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक एक संवैधानिक पद है और इसे खाली नहीं छोड़ा जा सकता है, इसलिए जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल पद संभाल रहे जीसी मुर्मू को वहां से बुलाकर अब सीएजी की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मालूम हो कि मुर्मू पीएम मोदी के साथ पहले भी काम कर चुके हैं। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम तब गिरीश चंद्र मुर्मू उनके प्रमुख सचिव रहते हुए राज्य सरकार की सभी प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था। इसी साल एक मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें वित्त मंत्रालय में विशेष सचिव (राजस्व) पद से पदोन्नत कर व्यय सचिव बनाया था। मुर्मू को पीएम मोदी का करीबी विश्वासपात्र माना जाता है। उन्हें सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जाना जाता है।