जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के तौर पर मनोज सिन्हा ने ली पद और गोपनीयता की शपथ

मनोज सिन्हा
पद और गो‍पनियता की शपथ लेते मनोज सिन्हा। फोटो साभार (एएनआइ)

आरयू वेब टीम। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभाल लिया है। उन्‍होंने श्रीनगर के राजभवन में शुक्रवार को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

शपथ ग्रहण के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से गॉर्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। मनोज सिन्हा के शपथ ग्रहण के वक्त राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे, भाजपा के लोक सभा सांसद जुगल किशोर शर्मा और जम्मू- कश्मी अपनी पार्टी के नेता गुलाम हसन मीर मौजूद रहे। साथ ही पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के विशेष सलाहकार रहे फारूख खान और बशीर भी नए उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण में पहुंचे। शपथ ग्रहण के बाद मनोज सिन्हा ने प्रदेश के अफसरों के साथ बैठक सुरक्षा के हालात और विकास कार्यों पर चर्चा की।

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गौरतलब है कि मनोज सिन्हा ने लोकसभा में तीन बार पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में उन्हें अफजल अंसारी ने हराया था। मनोज सिन्हा ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जूनियर रेल मंत्री के रूप में भी काम किया है। उनकी गिनती तेज-तर्रार नेताओं में होती है।

बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त कर दिया गया था। उनकी नियुक्ति यहां के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद हुई। जीसी मुर्मू ने केन्द्र शासित प्रदेश की बागडोर संभालने के नौ महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मुर्मू के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया था और इस पद पर मनोज सिन्हा को नियुक्त किया है। राष्ट्रपति भवन से गुरुवार को जारी हुए के एक बयान में कहा गया था, “राष्ट्रपति ने मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद आईएस अफसर गिरीश चंद्र मुर्मू को इस्तीफा दिलाकर इस संघ शासित प्रदेश का पहला उपराज्यपाल बनाया गया था। ठीक एक साल बाद सरकार के निर्देश पर गिरीश चंद्र मुर्मू ने उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया। सरकार ने उन्हें देश का अगला नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) बनाया है।

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