आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार को यूपी के डीजीपी ने कहा कि मामले पर एडीजी रेंज मेरठ से रिपोर्ट मांगी गई है और एसएसपी नोएडा से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि मामले में एडीजी रेंज मेरठ ने 26 दिसंबर को 15 दिन का और समय मांगा था। हमने उन्हें 15 दिन का समय दिया है।
ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने संयुक्त प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने कथित वायरल वीडियो होने पर मुकदमा दर्ज करा दिया है। मामले की जांच एडीजी मेरठ रेंज आलोक सिंह की निगरानी में एसपी मेरठ संजीव सुमन कर रहे हैं। कई अन्य एजेंसियां भी जांच में सहयोग कर रही हैं।
वहीं डीजीपी ने कहा कि सरकार से पत्राचार की गोपनीयता अनधिकृत तरीके से लीक करने के मामले में एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। आइजी मेरठ रेंज ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। डीजीपी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीर है। वायरल वीडियो की जांच के लिए साइबर क्राइम एक्सपर्ट और एसटीएफ की मदद ली जा रही है।
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ओपी सिंह ने कहा कि गोपनीय पत्र में छह लोगों का जिक्र किया गया है। पत्र को लीक कर वैभव कृष्ण ने सर्विस रूल के खिलाफ काम किया। उनको पत्र को लीक नहीं करना चाहिए था। इस प्रकरण में पूर्व ओएसडी मनोज भदौरिया का नाम भी आया है। नोएडा के वीडियो प्रकरण का मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। गृह विभाग ने मुझे वीडियो प्रकरण की जांच के लिए कहा है।
वहीं डीजीपी ने यह भी कहा कि नोएडा में अगस्त में पांच पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसकी विस्तृत जानकारी दी गई थी। इसको एसएसपी नोएडा ने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को भेजा था। इसके लीक होने के मामले की एडीजी मेरठ जोन को जांच सौंपी गई है। इसी दौरान एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ है। इसके बाद नोएडा के सेक्टर 20 थाना में मुकदमा लिखा गया है। मामले की जांच कराई जा रही है।