पुष्कर सिंह धामी ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ, “बोले, समाधान के लिए जाऊंगा लोगों के बीच”

मुख्यमंत्री पद की शपथ
उत्तयराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते पुष्कर सिंह धामी ।

आरयू वेब टीम। उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। धामी के अलावा राज्यपाल ने सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद को मंत्री पद की शपथ दिलाई है।

मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सैनिक के परिवार में पैदा हुए जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, उसके बाद भी मुझे मुख्य सेवक के रूप में काम करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां जो पोस्ट खाली हैं, हम उन्हें भरेंगे और नौजवानों को रोजगार से जोड़ने का काम करेंगे। मैं यहां की समस्याओं को भलीभांति जानता हूं, समस्याओं के समाधान के लिए लोगों के बीच जाऊंगा। पर्यटन को खोलना और चारधाम यात्रा चलाना प्रदेश के लिए नितांत जरूरी है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दलों की बैठक हुई, जिसमें पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लग गई थी। राज्य में विधानसभा चुनाव अगले आठ महीने बाद होने हैं, इससे पहले नए सीएम के तौर पर धामी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुष्कर सिंह धामी खटीमा से विधायक हैं।

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नाम के ऐलान के बाद धामी ने कहा था, “मैं संकल्प लेता हूं कि उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक हमारी सरकार और सेवाएं पहुंचेंगी। जहां दुनिया के दूसरे देश अपनी प्रयोगशालाओं में कोरोना का निर्माण कर रहे हैं और वहीं हम विश्व बंधुत्व की भावना से दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन दे रहे हैं।

“बता दें कि चार महीने के भीतर उत्तराखंड को फिर से नया मुख्यमंत्री मिला है। शुक्रवार की शाम को सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा था। सियासी पिच पर महज चार महीने हीं वो राज्य के मुख्यमंत्री रह पाए। तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी। तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा देने को लेकर कहा कि उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना था और अब विधानसभा चुनाव में सिर्फ आठ महीने बचे हैं। इसलिए वो अपना इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि, उनकी कार्यशैली और बयान को लेकर लगातार वो सवालों के घेरे में थे।

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