दस साल तक परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे नकलची, नकल कराने वालों को भी मिलेगी दस साल की सजा, बीजेपी सरकार ने लागू किया कानून

नकलची को सजा
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। भर्ती घोटाले को लेकर उत्‍तरखंड में मचे बवाल के बाद बीजेपी की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए नकल विरोधी बेहद कड़ा कानून लागू कर दिया है। अब नकल करने पर पकड़े जाने वाले जहां दस सालों तक परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे, जबकि नकल कराने वालों को दस साल की सजा होगा। इस कानून के दायरे में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं आएंगी।

आज इस बारे में जानकारी देते हुए उत्‍तरखंड के सीएम पुष्‍पकर सिंह धामी ने मीडिया को बताया कि बहुत दिनों से हम नकल पर एक कठोर कानून की तैयारी कर रहे थे। इस कानून के तहत अगर कोई नकल करते वक्त पकड़ा जाता है तो वह अगले दस सालों तक परीक्षा में भाग नहीं ले पाएगा। नकल करवाने वाले पकड़े जाने पर उन्हें दस साल की कैद की सजा होगी और उनकी सारी संपत्ति कुर्क होगी।

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यहां बताते चलें कि उत्तराखंड में विभिन्न आयोगों भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों की लगातार शिकायतें सामने आ रहीं हैं। सीएम धामी ने सभी मामलों में एफआइआर दर्ज कर जांच एसआइटी से कराने का निर्देश दिया था। ऐसे मामलों में अब तक पांच दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और सात से आठ भर्ती परीक्षाएं रद्द की जा चुकी है।

मामला की संख्‍या बढ़ती देख मुख्‍यमंत्री ने नकल विरोधी सख्‍त कानून बनाने का निर्देश दिया था। इसका ड्राफ्ट तैयार करने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाना था। इसी बीच युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया। पथराव, लाठीचार्ज और एक दर्जन से अधिक युवाओं की गिरफ्तारी से ये आंदोलन उग्र हो गया। कांग्रेस भी सड़कों पर आ गई। मौके की नजाकत को देखते हुए सीएम धामी ने इस कानून के ड्राफ्ट को विचलन के जरिए खुद ही मंजूरी और हस्ताक्षर के लिए राजभवन भेज दिया गया। बीती रात राज्यपाल ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद ये यह कानून तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गया है।

अब तक सामने आयी जानकारी के अनुसार यह कानून बेहद सख्‍त है। इसमें प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति, प्रिंटिग प्रेस, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान या सेवा प्रदाता संस्था इसमें लिप्त पाए जाते हैं तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ ही 10 करोड़ रुपये की जुर्माना भी भुगतना होगा। इसमें नकल करने को दोषियों को कारावास के साथ ही तीन से 10 साल की अवधि तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाएगा। इसके तहत अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होगा। अनुचित साधनों से एकत्र की गई तमाम संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा।