आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा में मंगलवार को अपनी ही सरकार पर उत्पीड़न आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में भाजपा विधायकों ने योगी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है। साथ ही विधानसभा में धरने पर बैठ गए। इस दौरान धरने पर बैठे भाजपा विधायकों को विपक्ष का समर्थन मिला। यह पहला मौका है जब सत्ता पक्ष की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विधायकों ने अपनी सरकार पर सदन में बोलने नहीं देने का आरोप लगाया है। भाजपा के 100 से अधिक विधायक, विपक्ष के विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। गौरतलब है कि भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सरकार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया, जिस पर बड़ी संख्या में भाजपा विधायक उनके समर्थन में आ गए और धरने पर बैठ गए।
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शुरुआती जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के एक विधायक से पूछताछ करने के लिए पिछले दिनों रात में पुलिस पहुंची थी। विधायक इस मामले को विधानसभा में उठाना चाहते थे, लेकिन उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया, जिससे बीजेपी के विधायक नाराज होकर धरने पर बैठ गए।
भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर अपने साथ हुए उत्पीड़न पर सदन में अपना पक्ष रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। इस पर वहां मौजूद अन्य भाजपा विधायक भी उनके समर्थन में आ गए। गुर्जर के समर्थन में विपक्ष के विधायक भी लामबंद हो गए।
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वहीं भाजपा के नाराज विधायकों को विपक्षी विधायकों का भी साथ मिला है। सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि हम सभी सदन के सदस्य हैं। एक विधायक का अपमान सबका अपमान है। अगर उसे सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाएगा तो वो कहां बोलेगा?
मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी धरने में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के भीतर योगी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए, जिससे भाजपा में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। हंगामें को देखते हुए विधानसभा कल तक के लिये स्थगित कर दी गयी।
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अधिकारियों की मनमानी से परेशान विधायक
वहीं अधिकारियों की मनमानी से परेशान विधायकों का आरोप है कि लगातार कई माह से उत्पीड़न हो रहा है। चंद अफसर मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। विधायक और मीडिया के लोगों को अधिकारी निशाना बना रहे हैं। भाजपा विधायकों की लगातार बेइज्जती की जा रही है। विधायक ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि चार महीने में स्थायी मुख्य सचिव क्यों नियुक्त नहीं किया गया।
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विधायकों को मनाने में डिप्टी सीएम संसदीय कार्यमंत्री रहे असफल
धरने पर बैठे विधायकों को मनाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा मंत्री विफल रहे। सदन में धरना पर बैठे विधायकों ने दिनेश शर्मा के साथ संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना को लौटाया। विधायकों के बीच मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश के सदन के इतिहास में पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों का ऐसा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। भाजपा, सपा तथा कांग्रेस के विधायक लगातार विरोध ने स्वर को तेज कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस बार अफसरों की तानाशाही का नतीजा भुगत रही है। इसके बाद भी सदन जैसे ही शुरू हुआ सत्ता पक्ष के विधायक खड़े हो गए। इस दौरान सदस्य विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगे। सदन स्थगित होने के बाद भी विधायक सदन में बैठे रहे। सभी विधायकों में काफी आक्रोश है।