आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूजल सप्ताह के अवसर पर रविवार को अपने सरकारी आवास से डिजिटल भूजल रथों को हरी झंडी दिखाकर अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने कहा, “भूजल सप्ताह के आयोजन के पीछे जल संरक्षण की परंपरागत पद्धतियां थी उन्हें पुर्नजीवित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें।”
साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर डिजिटल भूजल रथ दस जनपदों के 26 विकासखंडों के 550 ग्राम पंचायतों तक पहुंचाने का एक कार्यक्रम डिजिटल रथ के माध्यम से आज आगे बढ़ाया जा रहा है। योगी ने कहा कि, कैच द रेन को पीएम मोदी ने प्रारंभ किया था। 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन होगा। दस जिलों में जागरूकता वैन पहले चरण में जाएगी। कार्यक्रम से पहले सीएम योगी ने पांच कालिदास पर जनता दरबार में पीड़ितों की समस्याएं भी सुनी।
सीएम ने कहा कि जल संरक्षण की पद्धति को पुनर्जीवित करते हुए लोगों को जाग्रत करें। 10 जिलों में यह जागरूकता वैन जाएंगी। पहले चरण में बुंदेलखंड के दस जिलों में जल जागरूकता को आगे बढ़ाने का काम हो रहा। झांसी, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, ललितपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत को शामिल किया गया।
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सीएम योगी ने कहा कि, वर्षा जल के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर हर 500 मीटर पर वाटर रेन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर रहे। जल की एक एक बूंद के संरक्षण का काम कर रहे। पुराने नलों को भी हार्वेस्टिंग के लिए प्रयोग कर रहे। हर जिलों में 75 तालाब अमृत सरोवर का काम चल रहा है। यूपी कृषि प्रधान व्यवस्था का प्रदेश है। 25 विकास खंड अतिदोहन श्रेणी से बाहर आए। एक एक बूंद को संरक्षित कर्रेंगे। जल है तो जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना है।